खिलजी ने कैसे इंसानों को खाने वाले मंगोलों से की थी भारत की रक्षा सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश

खिलजी ने कैसे इंसानों को खाने वाले मंगोलों से की थी भारत की रक्षा: हम सब जानते हैं संजय लीला भंसाली की फिल्म “पद्मावत” को लेकर अपने देश में काफी विवाद हुआ था। फिल्म में खिलजी को एक बुरे शासक के तौर पर दिखाया था। जो काफी हद तक तो सही था, लेकिन अलाउद्दीन खिलजी के जीवन का एक और पहलु है। जो हम मेंसे काफी लोग नही जानते हैं। इस लेख को पढ़ने के बाद आप और हम सभी की सोच अलाउद्दीन खिलजी को लेकर सचमें बदल जाएंगी। आइए जानते हैं।

अलाउद्दीन खिलजी एक ऐसा योद्धा था, जिसने भारत की रक्षा दुनिया के सबसे खतरनाक, जंगली और क्रूर लड़ाके मंगोलों से की थी। मंगोलों ने उस वक्त के बगदाद के खलीफा अबु मुस्तसिम बिल्लाह तक को मौत के घाट उतार दिया था। 

मंगोल हड्डियों से बने हथियारों का इस्तेमाल करते थे

मंगोल मध्य और पूर्व एशिया मे रहने वाली एक जाती है। मंगोल जाती के लोग घोडसवारी, तीरंदाजी मे काफी निपुण थे। वे लोग हड्डियों से बने हथियारों का इस्तेमाल करते थे। ये सभी लोग अलग-अलग कबिलो मे रहते थे। जिसके कारण यह लोग बाहरी ताकतों से हमेशा डरे डरे से रहते थे। इनके एक मुखिया तेमुजिन थे। जिसने इन सभी मंगोल कबिलो को एक किया। जिसके चलते कबिलो के सरदारों ने उसे अपना सबसे बड़ा मुखिया बनाया। और उसे चंगेज़ खां नाम दिया। चंगेज़ खां के मुखिया बनते ही सभी मंगोलों मे एक नई उम्मीद जागी।

कभी भी नहाते नही थे मंगोल पुरुष या महिला

मंगोल लड़ाके कभी भी एक स्थान पर ज्यादा वक़्त नही रुकते थे। यह लोग ऊँट के खाल से बने तंबूओ मे रहते थे। माना जाता है कि, मंगोल जाती के लोग इतने भयावह और क्रूर थे की वह एक जिन्दा इंसान को कुछ मिनिटो मे खा जाते थे। मंगोल पुरुष हो या महिला वह कभी भी नहाते नही थे। उनके जाती मे जैसे नहाना वर्जित था। इन लोगों के बारे में एक और यह कहना था कि ये लोग प्यास लगने पर घोड़े के पैर की नस काटकर उनका खून पिया करते थे। मंगोलों के बारे में यह भी एक कहना था कि वह एक दिन में ३०० मील की दूरी पैदल पूरी करते थे।

मंगोल लड़ाकों के घोड़े जिस तरफ मुड़ते थे वह प्रदेश उनके अधीन आ जाता था

मंगोल लड़ाके लडाई में इतने तरबेज और क्रूर थे की, वह जो भी प्रदेश जीत लेते थे। उस प्रदेश को वे लोग भारी नुकसान पहुँचाते थे। उस राज्य की संस्कृति पूरी तरह तबाह कर देते थे। ये लोग इतने क्रूर शासक थे की वह जो प्रदेश जीत लेते थे उस प्रदेश की आबादी मे ५०% की भारी कमी आती थी। माना जाता हैं कि मंगोल लड़ाकों के घोड़े जिस तरफ मुड़ते थे वह प्रदेश उनके अधीन आ जाता था। उनकी क्रूरता के किस्से सुनकर कुछ राजा वैसे ही उनके सामने घुटने टेक देते थे। मंगोल लड़को ने अपने ताकत के बलभूते पूर्थ्वी का २०% प्रदेश अपने अधीन कर लिया था।

आख़िर मंगोल भारत को क्यों नहीं जीत सके?

फिर सवाल यह आता है कि इतने ताकदवर मंगोल लड़को ने भारत को क्यो नहीं जीत लिया था।🤔🤔🤔🤔🤔 तो इसका सारा श्रेय अलाउद्दीन खिलजी को जाता हैं।

अलाउद्दीन खिलजी बुलंदशहर का रहने वाला था। खिलजी ने २० अक्टुबर १२९६ से १३१६ तक भारत पर शासन किया। भारत के इतिहास में मंगोल लड़ाकों से भारत की रक्षा करने का श्रेय खिलजी को जाता हैं। मंगोल लड़ाकों ने भारत पर भी एक नही पाँच बार आक्रमण किया। पर उन्हे हर बार हार का मुह देखना पड़ा। इसकी वजह थी भारत की भौगोलिक स्थिति और खिलजी की प्रशिक्षित फ़ौज।

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खिलजी ने मंगोलों के सिर काटकर दिल्ली में बन रहे सिरी फोर्ट के मीनारों मे इट की जगह चुनवा दिये थे

अलाउद्दीन खिलजी को यह संदेह था कि एक दिन मंगोल लड़ाके चंगेज खां के नेतृत्व में भारत पर भी आक्रमण कर सकते हैं। इसलिए खिलजी ने अपनी सेना को काफी मजबूत बनाया। जिसके कारण खिलजी मंगोल फ़ौज को हर बार हरा पाया। खिलजी फ़ौज ने मलिक नायक के नेतृत्व में मंगोल लड़ाकों को हराया, और मंगोल लड़ाके भारत छोड़कर भागे। लेकिन वह बाद में दुबारा तयारी के साथ उन्होंने भारत पर आक्रमण किया। इस बार खिलजी ने अपना सबसे बेहतर सेनापति मलिक काफूर के नेतृत्व में अपनी फ़ौज भेजी इस बार भी खिलजी की फ़ौज ने विजय प्राप्त किया। और मंगोल लड़ाकों को देश के बाहर कर दिया। जिसमे खिलजी फ़ौज ने चंगेज खां की फ़ौज को काफी नुकसान पहुचाया। लेकिन मंगोल लड़ाके कुछ समय बाद १३०३ मे वापस भारत पर आक्रमण करने आये। इसबार गुस्साए खिलजी ने खुद अपनी फ़ौज का नेतृत्व किया। इसबार भी खिलजी ने मंगोल फ़ौज को हराकर गुस्सेमे ८००० मंगोलों के सिर काटकर दिल्ली में बन रहे सिरी फोर्ट के मीनारों मे इट की जगह चुनवा दिये थे। वापस जाते वक्त मंगोल फ़ौज के राजा चंगेज खा की बीमार पड़ने से मौत हो गयी।

मंगोल लड़ाके पुरुषों को मारकर महिलाओ के साथ जबरदस्ती संबंध बनाते थे। जिसके चलते वह पूरी नस्ल को ही बदल देते थे।

मंगोलों के नेता चंगेज़ खा का नारा था, “हम हारे या जीते अपना जीन जरूर छोड़ेंगे” मंगोल जाती के लोग मानव से लेकर हर प्रकार के जीवों का खून पीते थे। मंगोल कभी नहाते नही थे, इसलिए उनके शरीर की गंध २ मील दूर तक आती थी।

अगर मंगोल लड़ाके खिलजी को हराकर भारत पर कब्जा कर लेते। तो भारत की संस्कृति को काफी नुकसान पहुँचाते थे। उनके भारत आगमन से सिर्फ भारत का भूगोल ही नहीं बल्की भारतीयों के चेहरे का भूगोल तक बदल देते थे। वे लोग हमारे देश की आदि आबादी को खत्म कर देते थे। 

अब हमको तय करना है। अलाउद्दीन खिलजी कैसा शासक था?

Source: दैनिक भास्कर 

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