छत्तीसगढ़: राजनीति में कुछ लोग सिर्फ मतदाता होते हैं, तो कुछ सच्चे समर्थक। लेकिन, जब बात बीजेपी की हो, तो अक्सर जुनून की कहानियां सुनने को मिलती हैं। ऐसी ही एक कहानी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सामने आई है, जहां एक समर्थक ने बीजेपी की जीत के लिए अपनी उंगली काटकर काली मां चढ़ाई और इसके चक्कर में शख्स अस्पताल पहुंच गया। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में इस BJP सपोर्टर की खूब चर्चा हो रही है। अब तो यह ख़बर देश की प्रमुख ख़बर बन चुकी है
क्या है मन्नत का किस्सा
AajTak के ख़बर के मुताबिक, इस असाधारण घटना का मुख्य पात्र छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के डीपापाडी ग्रामीण क्षेत्र का निवासी है। जिसका नाम दुर्गेश पांडे बताया जा रहा है। जिसकी उम्र करीब तीस साल बताई जा रही है। दुर्गेश पांडे बीजेपी का समर्थक है। दुर्गेश पांडे का विश्वास था कि अगर बीजेपी चुनाव जीतती है, तो उसके जीवन में बदलाव आएगा। इस भरोसे ने उसे ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, जो सुनने में जितना अजीब लगे, लेकिन यह उतना ही प्रेरणादायक भी है।
कैसे शुरू हुई ये ‘मन्नत’?
AajTak के ख़बर के मुताबिक, जब 4 जून को चुनावी नतीजों के शुरुआती रुझान आए तो उसमे दुर्गेश पांडे को BJP पिछड़ती दिखी। जिससे दुर्गेश पांडे काफी परेशान हुआ उसे कुछ भी नहीं सूझ नहीं रहा था। चुनाव के अंतिम नतीजे आने में अभी वक्त था। जिसके बाद अंत में परेशान होकर वह सरना के प्राचीन काली मां के मंदिर में जा पहुंचा। जहां पर उसने मन्नत मांगी कि BJP जीती तो काली मां को उंगली काटकर चढ़ा देगा।
मन्नत पूरी होने पर चढ़ा दी उंगली
श्याम को जैसे ही चुनावी नतीजों के फाइनल आंकड़े सामने आए और बीजेपी की जीत की घोषणा हुई, वैसे दुर्गेश पांडे के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिसके बाद उसने अपने वादे के मुताबिक, उसी दिन रात में वह काली मां मंदिर पहुंचा और अपनी बाएं हाथ की उंगली को आधा काटकर देवी मां के चरणों में चढ़ा दिया।
शख्स ने उंगली तो मां काली को तो चढ़ा दी। लेकिन खून बहना ना ही बंद हुआ और ना ही कम हुआ। खून को रोकने के लिए उसने अपने उंगली पर कपड़ा भी लपेट लिया लेकिन फिर भी रक्तस्राव कम नहीं हो रहा था। जिसके चलते उसके परिवार वालों ने उसे जल्दी ही सामरी के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया।
अस्पताल में क्या हुआ?
अस्पताल में डॉक्टर और नर्सेज भी इस अजीबो-गरीब घटना को सुनकर हैरान रह गए। दुर्गेश पांडे के पास आने वाले हर किसी को यह समझने में दिक्कत हो रही थी कि ऐसा क्या हुआ और उसने ऐसा क्यों किया। जब दुर्गेश पांडे ने अपनी मन्नत और बीजेपी के प्रति अपनी निष्ठा के बारे में बताया, तो अस्पताल का स्टाफ दंग रह गया।
अब खतरे से बाहर है दुर्गेश
खबर के मुताबिक, डॉक्टरों ने दुर्गेश पांडे का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। यहां पर डॉक्टर दुर्गेश पांडे के उंगली का खून रोकने में कामयाब हो गए। लेकिन काफी देर हो जाने के कारण वे उसके उंगली को दुबारा जोड़ नही पाए है। डॉक्टरों का कहना है कि, अभी उसकी हालत ठीक है और वह खतरे से बाहर है।
समर्थकों के लिए संदेश
आपकों बता दें कि, दुर्गेश पांडे की यह कहानी हमें न सिर्फ उसकी भक्ति और विश्वास को दर्शाती है, बल्कि हमें यह भी बताती है कि किस तरह राजनीतिक समर्थन भी कभी-कभी अंधविश्वास की हदें पार कर जाता है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि किसी भी राजनीतिक दल के प्रति हमारी निष्ठा और समर्थन कैसे सीमाएं लांघ सकता है।
वैसे आप इस घटना के बारे में क्या सोचते हैं हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताए।