bharat ki sabse lambi nadi kaun si hai| bharat ki sabse lambi nadi kaun hai| भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है|
हमारे देश भारत को नदियों का देश कहा जाता है। हमारे देश की लगभग हर प्रमुख नदी के मूल के बारे में एक किंवदंती है। इसलिए भारत में नदियों को आमतौर पर माताओं के रूप में माना जाता है। यहाँ एक तर्क है कि, भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है (bharat ki sabse lambi nadi kaun si hai) इसके अलावा हम इस लेख में हम जानेंगे भारत की दस सबसे लंबी नदियों के बारे में।
नाम | कुल लंबाई | भारत में लंबाई |
---|---|---|
गंगा | 2525 | 2071 |
गोदावरी | 1465 | 1465 |
कृष्णा | 1400 | 1400 |
यमुना | 1376 | 1376 |
नर्मदा | 1312 | 1312 |
सिंधू | 3610 | 1114 |
ब्रम्हपुत्र | 2900 | 918 |
महानदी | 885 | 885 |
कावेरी | 800 | 800 |
ताप्ती | 724 | 724 |
1) गंगा नदी
जब हम भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है? (bharat ki sabse lambi nadi kaun si hai), इस सवाल का सही और तर्क पर आधारित जवाब, भारत की सबसे लंबी नदी गंगा नदी है। कुछ जगह पर हमे ऐसा देखने को मिलता है कि, भारत की सबसे लंबी नदी सिंधु नदी या ब्रम्हपुत्र नदी है। आपको बता दें कि, बेशक ये दोनों नदिया गंगा नदी से लंबी है। क्युकी गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है तो, वही ब्रह्मपुत्र नदी की लंबाई 2900 किमी और सिंधु नदी की कुल लंबाई 3610 किमी। आंकड़ों से तो यही पता चलता है कि, सिंधु नदी सबसे बड़ी अथवा लंबी है। फिर गंगा नदी को भारत की सबसे लंबी नदी क्यों कहा जाता है।
आपको बता दें कि, किसी नदी को किसी देश की सबसे लंबी नदी इस तर्क आधार पर कहा जाता है कि, वह नदी उस देश के सीमा के भीतर कितनी दूर तक बहती है। इस तर्क के आधार पर भारत के सीमा के भीतर जो नदी सबसे ज्यादा दुरी तक बहती है, वह नदी गंगा नदी है। इसलिए गंगा नदी को भारत की सबसे लंबी नदी कहा जाता है। ब्रम्हपुत्र और सिंधु दोनों ही गंगा से लंबी है। लेकिन इन दोनो नदियों की लंबाई भारत में गंगा नदी से कम है। आपको बता दें कि, ब्रह्मपुत्र नदी भले ही 2900 किलोमीटर लंबी है। लेकिन ब्रम्हपुत्र नदी की भारत में लंबाई महज 916 किलोमीटर है। ऐसा ही सिंधु नदी के बारे में भी है। सिंधु नदी की लंबाई 3610 किमी है। लेकिन इस नदी की भी भारत में लंबाई गंगा नदी से कम मतलब 1114 किमी ही है। वही हम अगर गंगा नदी की बात करे तो, गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है। जिसमें से 2071 किमी लंबाई भारत में है। जो सभी नदियों से ज्यादा है। इसलिए गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है।
Bharat Ki sabse lambi nadi गंगा का उद्गम उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगोत्री से, गोमुख से होता है। भारत की इस सबसे लंबी नदी गंगा की मुख्य धाराएं भागीरथी और अलकनंदा नदियों के संगम से बनती हैं।
भारत की सबसे लंबी नदी गंगा को कई नदियां आकर मिलती है। गंगा की प्रमुख सहायक नदियां महाकाली, करनाल, कारेती, गंडक, यमुना, सोन महानंदा और सरयू है। Bharat ki sabse lambi nadi गंगा, जहां से निकलती हैं उस स्थान की उंचाई 12769 फीट है। Bharat ki sabse lambi nadi गंगा भारत में 2071 किलोमीटर का लंबा सफर तय करने के बाद बांग्लादेश में प्रवेश करती हैं और अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
गंगा नदी ना केवल भारत की सबसे लंबी नदी है बल्की इसे हिंदू धर्म में भी काफी पवित्र माना जाता है। इस नदी के तट पर कई तीर्थस्थल है। जिनमे गंगोत्री, उत्तरकाशी, देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी और गंगासागर ये कुछ प्रमुख तीर्थस्थल है।
2) गोदावरी
गोदावरी दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी है। तथा गोदावरी को दक्षिण भारत की प्रमुख नदी भी कहा जाता है। इसके अलावा गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है। bharat ki sabse lambi nadi गंगा के बाद गोदावरी भारत की दुसरी सबसे लंबी नदी है। आपको बता दें कि, गोदावरी की लंबाई 1465 किलोमीटर है। यह नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्रयबकेश्वर से त्रयंबक पहाड़ी से निकलती है और महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से होकर अंत में बंगाल की खाड़ी को जाकर मिलती है। गोदावरी के प्रमुख उपनदियों की बात करे तो, गोदावरी की प्रमुख उपनदियां प्राणहिता, इंद्रावती और मंजीरा है।
आपको बता दें कि, भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी गोदावरी की सात मुख्य धाराएं है। जिन्हे शाखाएं भी कहा जाता है। ये सात मुख्य धाराएं 1) गौतमी 2) वशिष्ठा 3) कौशीकी 4) अत्रेयी 5) वृद्धगौतमी 6) तुल्या 7) भारद्वाजी है। इन सभी सात धाराओं का उल्लेख हमें पुराणों में भी मिलता है।
नदी के नाम के बारे में विद्वानों का कहना है कि, गोदावरी नदी शब्द तेलुगु भाषा ‘गोद‘ से आया हुआ है। जिसका अर्थ मर्यादा होता है।
नदी के किनारे पर कई धार्मिक तीर्थ स्थल है। जिनमें त्र्यंबकेश्वर प्रमुख हैं। जहा भगवान शिव का प्राचिन मंदिर है। इसके अलावा नांदेड़, जो सिखों का पवित्र स्थान है। इसके अलावा भद्राचलम भी तीर्थ स्थल गोदावरी के तट है।
3) कृष्णा नदी
भारत की तिसरी सबसे लंबी नदी कृष्णा नदी है, जिसे कृष्णवेना नाम से भी जाना जाता है। इस नदी की कुल लंबाई 1400 किलोमीटर है। कृष्णा नदी महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के पास के पर्वत श्रृंखला से निकलती हैं। तथा महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है। भीमा, तुंगभद्रा, कावेरी, गोदावरी आदी नदिया कृष्णा नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं। यह दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी मानी जाती है।
कृष्णा नदी को भी हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस नदी का हमे हिंदू धर्म मे पौराणिक उल्लेख भी मिलता है। पुराणों में कृष्णा नदी को भगवान विष्णु के अंश के संभूत माना गया हैं। तथा महाभारत में कृष्णा को कृष्णवेणा भी कहा गया है। इस नदी के तट पर भी बाकी नदियों की तरह ही कई धार्मिक स्थल मौजुद है। जिनमें वाई कृष्णा नदी पर का पहला और प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो महागणपति मंदिर, काशीविश्वेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है। इसके अलावा महाराष्ट्र में महाबलेश्वर नामक स्थान, जो इस नदी के उद्गम स्थल पर है। दत्तदेव मंदिर, वीरभद्र मंदिर, हरिपुर में संगमेश्वर मंदिर, कनक का दुर्गा मंदिर आदि कई धार्मिक स्थल इस नदी के तट मौजुद है।
4) यमुना
यमुना भारत की चौथी सबसे लंबी नदी है। इसके अलावा यमुना भारत की सबसे लंबी नदी है, जो समुद्र में जाकर नही मिलती है। यह नदी उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री स्थान से उद्गम होती हैं और प्रयागराज नामक स्थान पर गंगा नदी से मिलती है। जहा यमुना और गंगा का संगम होता है, उस स्थान को त्रिवेणी संगम कहा जाता है। यमुना की प्रमुख सहायक नदियां चम्बल, सेंगर, छोटी सिंध, बेतवा और केन जैसी नदियां हैं। इसके अलावा आप जानते ही होंगे कि, भारत की राजधानी दिल्ली इसी यमुना के तट पर बसी हुई है। इसके अलावा आग्रा, इटावा, हरिपुर और प्रयागराज जैसे कुछ और प्रमुख शहर भी इस नदी के तट पर विराजमान है। यमुना नदी का सफर 1376 किलोमीटर का है। जो उसे भारत की सबसे लंबी नदी होने का दर्जा देता है।
आपको बता दें कि, हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस नदी का उल्लेख हमें देखने को मिलता है। हिंदू धर्म ग्रंथ गर्ग संहिता में यमुना का पांच नामो से उल्लेख है 1) पटल 2) पद्धति 3) कवय 4) स्त्रोत्र 5) सहस्त्र ।
5) नर्मदा नदी
भारत की पांचवी सबसे लंबी नदी नर्मदा है। जो रेवा नाम से भी मशहूर है। यह मध्य भारत की एक प्रमुख नदी है। यह नदी प्राकृतिक रुप से भारत को उत्तर और दक्षिण भाग में बाटती है। अर्थात इस नदी के एक साइट को उत्तर भारत और नदी के दूसरे साइट को दक्षिण भारत कहा जाता है। नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा भी है। नर्मदा का उद्गम मध्यप्रदेश के विध्यांचल और सातपुड़ा पर्वत मे स्थित अमरकंटक में बने “नर्मदाकुण्ड” से होता है और यहां से यह नर्मदा नदी 1312 किलोमीटर का लंबा सफर तय करके अरब सागर के खंभात की खाड़ी को जा मिलती है। यह नदी दो राज्य मध्य प्रदेश और गुजरात से होकर समन्दर को मिलती है।
बरनार, बंजर, शेर, शक्कर, दूधी, देव, हिरण हथनी, मान, कानर आदि नदियां नर्मदा की प्रमुख सहायक नदियां हैं। महेश्वर, ओंकारेश्वर, खंडवा ये प्रमुख तीर्थ स्थल इसी नदी के किनारे पर स्थित है।
हिंदू धर्म में भारत की सबसे लंबी नदी गंगा नदी की तरह ही नर्मदा नदी को भी काफी महत्व है। आपको बता दें कि, हिंदू धर्म के अनुसार पूरे संसार में केवल नर्मदा नदी एकमात्र ऐसी नदी है जिसे दिव्य और रहस्यमयी माना गया हैं। इस नदी का भारत की सबसे लंबी नदी गंगा की तरह ही अपना एक अलग वर्णन हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है। नर्मदा नदी के बारे में हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि, इस नदी को भगवान शिव ने मैकल पर्वत पर 12 वर्ष के दिव्य कन्या के रुप में प्रकट किया था। भगवान शिव द्वारा निर्मित यह कन्या महारूपवान होने के कारण भगवान विष्णु ने उसे नर्मदा नाम दीया था। इसी कन्या रूपी नर्मदा ने 10 हजार दिव्य वर्षों तक पंचक्रोशी क्षेत्र में भगवान शिव की उपासना की और उन्हे प्रसन्न करके ऐसे वरदान प्राप्त किए जो अन्य किसी भी नदी और तीर्थ के पास नही है। यहां तक कि, भारत की सबसे लंबी नदी कही जाने वाली गंगा जिसका हिंदू धर्म में स्थान काफी महत्वपूर्ण है। उसके पास भी नहीं है। नर्मदा के बारे में हिंदू धर्म में उल्लेख मिलता है कि,
“प्रलय में भी मेरा नाश ना हो। मै विश्व में एकमात्र पाप-नाशिनी प्रसिद्ध होऊ।”
6) सिंधु नदी
सिंधु नदी एशिया की सबसे लंबी नदी है। तथा भारत की छटी सबसे लंबी नदी है। इस नदी का उद्गम तिब्बत में स्थित है। यह नदी तिब्बत के मानसरोवर के निकट “सिन-का-बाब” नामक जलधारा से निकलती हैं। सिंधु नदी चीन, भारत और पाकिस्तान से होकर अपना 3610 किलोमीटर का लंबा सफर तय करके अरब सागर में जा मिलती है। इस नदी का ज्यादातर हिस्सा पाकिस्तान में है। इसलिए इस नदी को पाकिस्तान की सबसे प्रमुख और सबसे लंबी नदी माना जाता है। इतना ही नहीं पाकिस्तान में सिंधू नदी को वहा की राष्ट्रीय नदी होने का दर्जा भी प्राप्त है। भारत में सिंधु नदी बहुत कम यानी केवल 1114 किलोमीटर ही बहती है। काबुल, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज ये नदियां सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं।
सिंधु नदी को ना केवल ऐतिहासिक बल्की धार्मिक महत्व भी प्राप्त है। इसी नदी किनारे भारत तथा दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता सिंधु सभ्यता बसी हुई थी। इस सभ्यता का नाम इसी नदी के नाम पर पढ़ा है। ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि, भारत का नाम भी इसी नदी के नाम से “इंडस” पड़ा हुआ था जो आज वर्तमान में इंडिया हुआ। सिंधू नदी का उल्लेख हमें हिंदू धर्म ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। ऋग्वेद में इस नदी के नाम का उल्लेख 176 से अधिक बार हुआ है। तथा नदी का उल्लेख कई भजनों में आज भी होता है।
7) ब्रम्हपुत्र नदी
ब्रम्हपुत्र भारत की इकलौती ऐसी नदी है जिसका नाम पुल्लिंगी हैं। यह नदी भारत की सातवी सबसे लंबी नदी है। यह नदी चीन से भारत और भारत से बांग्लादेश बहती है। ब्रम्हपुत्र नदी का उद्गम चीन में स्थित तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट से होता है और वहा से यह नदी अपना 2900 किलोमीटर का लंबा सफर तय करके बांग्लादेश में बंगाल की खाड़ी को जा मिलती है। इस नदी की भारत में लंबाई महज 918 किमी है। जो केवल दो राज्य असम और अरुणाचल से होकर बहती है। ब्रम्हपुत्र नदी को कई नामों से जाना जाता है। भारत में इस नदी को “ब्रम्हपुत्र”, चीन में “या-लू-स्तांग-पू-चियांग”, तिब्बत में स्तांग-पो तथा भारत के अरुणाचल प्रदेश में इस नदी को “हिंड” नाम से जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी की तिस्ता, सुवनश्री, तोरसा, लोहित और बराक ये कुछ प्रमुख सहायक नदियां हैं।
आपको बता दें कि, हर साल असम में बाढ़ लाने वाली नदी ब्रम्हपुत्र का भारत और बांग्लादेश में पाणी का बहाव बरसात में सबसे ज्यादा मतलब 14200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड का होता है। जिससे दोनों देशों के प्रदेशों में बरसात के मौसम में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है।
ब्रम्हपुत्र भारत की एक ऐसी नदी है, जो कई संस्कृतियों और सभ्यताओं के मिलन की गवाह है। इस नदी ने आर्य-अनार्य, मंगोल-तिब्बती, बर्मी-द्रविड़, मुगल-आहोम आदि संस्कृतियों को बहुत करीब से देखा है। ब्रम्हपुत्र नदी असम की जीवनरेखा है।
8) महानदी
भारत की आठवीं सबसे लंबी नदी महानदी है। जिसकी लंबाई 885 किमी है। यह नदी भारत के छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य में बहती है। महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रृंखला से होता है। जो दक्षिण से उत्तर की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। अपने इस पुरे सफर में महानदी 885 किलोमीटर लंबी दुरी तय करती है। महानदी के सहायक नदियों को दो भागों में वामांगी और दक्षिणांगी में विभाजित किया हुआ है। शिवनाथ, पैरी, सोनदूर, हसदेव, जोंक, खाऊन आदि नदियां महानदी की सहायक नदियां हैं।
महानदी को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है। ‘ राजिम’ जो छत्तीसगढ़ में स्थित एक छोटा नगर है। जहा महानदी को प्रयागराज की तरह ही सम्मान प्राप्त है। हजारों श्रद्धालु यहां इस नदी में डुबकी लगाने आते है। Bharat ki sabse lambi nadi गंगा की तरह ही इस नदी को हिंदू धर्म में पवित्र स्थान प्राप्त है। महानदी के तट पर कई प्रमुख शहरों के अलावा, कई प्रमुख धार्मिक स्थल भी बसे हुए हैं। जिनमें सिरपुर (गंधेश्वर), रुद्री (रुद्रेश्वर), मल्हार (पातालेश्वर), शिवनारायण (भगवान विष्णु), चंद्रचूड़ (महादेव, महेश्वर महादेव), अन्नपूर्णा देवी आदि धार्मिक तीर्थ स्थल इस नदी के किनारे पर बसे हुए हैं।
यह नदी अत्यंत प्राचीन होने के कारण इस नदी का उल्लेख हमें पुराणों में भी देखने को मिलता है। ग्रंथों के अनुसार महानदी का प्राचीन नाम मंदवाहिनी था। महानदी के संदर्भ में भीष्म पर्व में वर्णन मिलता है कि, चित्रोत्पाल (महानदी) का जल भारतीय जनता पीती थी।
9) कावेरी
भारत के कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य में बहने वाली कावेरी नदी भारत की नौवीं सबसे लंबी नदी है। जिसकी लंबाई 800 किलोमीटर है। कावेरी नदी ब्रम्हागिरी से निकलकर बंगाल की खाड़ी में जा कर गिरती है। तिरुचिरापल्ली यह हिंदुओ का प्रमुख तीर्थ स्थल इसी नदी के किनारे पर बसा हुआ है। हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा, लक्ष्मणतीर्थ,भवानी आदी प्रमुख सहायक नदियां हैं। कावेरी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है, जो तीन स्थानों पर अलग अलग होती हैं और दुबारा एक हो जाती है। तीन स्थानों पर यह नदी दो धाराओं में विभाजित होने से कावेरी नदी ने भारत को तीन प्राकृतिक द्वीप दिए हैं। जिनमें क्रमशा आदिरंगम, शिवसमुद्रम और श्रीरंगम है।
कावेरी नदी भी एक पवित्र नदी मानी जाती है। कावेरी को दक्षिण गंगा भी कहा जाता है। इतना ही नहीं इस नदी का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। जहा से इस नदी का उद्गम होता। उस स्थल पर एक कुंड है। जिसे कावेरी कुण्ड कहा जाता है और वहा हर साल देवी कावेरी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
10) ताप्ती नदी
ताप्ती नदी या तप्ती नदी पश्चिम भारत की एक प्रमुख नदी है। यह भारत की दसवीं सबसे लंबी नदी है। यह नदी मध्यप्रदेश के बैतूल जिला के मुलताई के सातपुड़ा पर्वतों से निकलकर महाराष्ट्र, गुजरात से होकर खम्भात की खाड़ी, अरब सागर को जा मिलती है। ताप्ती नदी मुलताई (मुल्ताई) से खम्भात की खाड़ी तक पहुंचने में लगभग 724 किलोमीटर का लंबा सफर तय करती हैं। ताप्ती नदी की प्रमुख सहायक नदियां पूर्णा, गिरना, पंजारा, वाघुर, बोरी आदि हैं।
आपको बता दें कि, ताप्ती नदी के अलग-अलग सात कुण्ड है, जो उसके उद्गम स्थल के समीप ही बने हुए हैं। इन सभी सात कुण्डो को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। ताप्ती नदी के सात कुण्ड
1) सूर्यकुण्ड :- यहां भगवान सूर्य ने स्वतः स्नान किया था।
2) ताप्ती कुण्ड :- इस कुण्ड के बारे में कहा जाता है कि, सूर्य के तेज से पशु-पक्षी, नर किन्नर, देव, दानव आदी की रक्षा करते वक्त माता ताप्ती के पसीने की तीन बूंदे निकली थी। जिसमें से एक बूंद यहां इस कुण्ड में गिरा था। और यही से इस नदी की प्रमुख धारा बन गई।
3) धर्म कुण्ड :- इस कुण्ड में स्वयं यमराज ने स्नान किया था।
4) पाप कुण्ड :- इस कुण्ड के बारे में कहा जाता है कि, इस कुण्ड में स्नान करने पर सभी पापो से मुक्ती मिलती है।
5) नारद कुण्ड :- इस कुण्ड में देवर्षी नारद मुनि ने स्नान करके श्राप मे मिले बिमारी से मुक्ती पाई थी।
6) शनि कुण्ड :- इस कुण्ड के बारे कहा गया है कि, शनि देव अपनी बहन ताप्ती से मिलने से पूर्व इस कुण्ड में स्नान किया करते थे।
7) नागा बाबा कुण्ड :- यह नागा संप्रदाय के नागा बाबाओ का कुण्ड है।
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यह थी भारत के सबसे लंबी नदियों की जानकारी। आपको कैसी लगी हमें कमेन्ट में ज़रूर बताएं। आशा करता हू इस लेख में आपको भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है (bharat ki sabse lambi nadi kaun si hai) इसकी सटीक जानकारी प्राप्त हुई होगी।
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