Last Updated on 12 months by Sandip wankhade
भारत|bharat|shrilanka|श्रीलंका| श्रीलंका का आर्थिक संकट|भारत और श्रीलंका| भारत पर कितना कर्ज है| श्रीलंका पर कितना कर्ज है| श्रीलंका और भारत के आर्थिक हालात| श्रीलंका और भारत के कर्ज की तुलना| दिवालिया घोषित| shrilanka crisis|इंडिया श्री लंका न्यूज़|श्रीलंका का क्या समाचार है?
पिछले कुछ महीनों से जो श्रीलंका में हो रहा है। पुरी दुनिया उसे अंधी बहरी होकर देख रही है।। कोई भी श्रीलंका की मदद करने आगे नहीं आ रहा है। यहां तक कि, श्रीलंका का हमसफ़र चीन भी नहीं। केवल भारत ही दुनियां का एकमात्र ऐसा देश है, जो श्रीलंका की मदद करने आगे आया। लेकिन भारत पर भी कर्ज का बोझा कुछ कम नहीं हैं। भारत पर तो श्रीलंका से ज्यादा कर्ज है। या फिर यू कहे कि, जितना श्रीलंका पर कर्ज है उससे 12 गुना ज्यादा कर्ज भारत पर है। फिर आज जो श्रीलंका में राजकीय और आर्थिक हालात पैदा हुए हैं, क्या एक दिन भारत में भी ऐसे हालात पैदा होंगे?
आंकड़े बताते हैं कि, श्रीलंका पर कुल 51 अरब डॉलर का कर्ज है। जिसे वह नही चुका पाया। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले कुछ दिनों के अंदर श्रीलंका में मंहगाई 70 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा बढ़ सकती हैं। अभी श्रीलंका में मंहगाई 55 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। जिसके चलते वहा सभी जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई के कारण श्रीलंका की केवल आम जनता ही नहीं बल्कि अमीर लोग भी बेहाल हो चुके हैं। हालात इतने गंभीर बने हैं कि, देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपती देश छोड़कर चले गए है।
श्रीलंका के नागरिकों का मानना है कि, देश पर यह संकट 51 अरब डॉलर के कर्ज के कारण आया है। श्रीलंका के नागरिकों के तर्कों पर भारत के भी कुछ नागरिक यह तर्क निकाल रहे हैं कि, भारत पर तो, श्रीलंका के कर्ज से 12 गुणा अधिक कर्ज है तो क्या भारत में भी एक दिन…….?
भारत पर कितना कर्ज है?
भारत की हालत श्रीलंका जैसी होगी या नहीं, यह तय करने से पहले हमे यह जानना होगा कि, भारत पर कितना कर्ज है? RBI द्वारा ज़ारी मार्च 2022 के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत पर 620.7 अरब डॉलर का कर्ज है। पिछले साल यह कर्ज 570 अरब डॉलर था। जो 47.1 अरब डॉलर से बढ़कर इस साल 620.7 अरब डॉलर हुआ।
इन आंकड़ों को अगर गौर से देखा जाए तो हमे यह नजर आएगा कि, भारत के कुल कर्ज के आगे श्रीलंका का कुल कर्ज काफ़ी छोटा है। फिर भी भारत के बजाए श्रीलंका दिवालिया हुआ। भारत ने एक साल में जितना कर्ज (47.1 अरब डॉलर) लिया, उतना कर्ज तो श्रीलंका का कुल कर्ज (51 अरब डॉलर) है। फिर ऐसी क्या बात है कि, भारत इतना कर्ज लेने के बावजूद भी दिवालिया नही हुआ और श्रीलंका इतना कम कर्ज लेने पर भी दीवालिया हुआ।
क्या भारत भी श्रीलंका बनेगा?
श्रीलंका पर कुल कर्ज 51 अरब डॉलर है और भारत इतने रुपए का कर्ज एक साल में उठा रहा है। यह पढ़ने के बाद तो हर किसी को लग रहा होगा कि, भारत भी बहुत जल्द श्रीलंका बनेगा। लेकिन कहा जाता है ना! जैसा दिखता है वैसा होता नही है। बिलकुल ऐसा ही भारत के बारे में भी है। महाराष्ट्र टाइम्स न्यूज़ वेबसाइट पर मिले जानकारी के मुताबिक, भारत पर कर्ज मार्च 2020 में जीडीपी के तुलना में 2.6 प्रतिशत था। जो मार्च 2021 में बढ़कर भारत के कुल जीडीपी के 21.1 प्रतिशत हुआ और फिर 2022 में वह थोड़ा घटकर जीडीपी के तुलना में 19.9 प्रतिशत हुआ।
अर्थशास्त्र कहता है कि, देश के कुल जीडीपी के तुलना में कर्ज जितना कम होता है, वह देश उतना ही कर्ज चुकाने में सक्षम माना जाता है। इस तर्क के आधार पर भारत की बात करे तो, भारत के कुल जीडीपी के तुलना में भारत पर कर्ज 19.9 प्रतिशत है। कर्ज और जीडीपी की तुलना हमे बताती हैं कि, फिलहाल भारत काफ़ी अच्छे स्थिति में है।
वही बात अगर हम श्रीलंका की करे तो, श्रीलंका पर कुल कर्ज उसके कुल जीडीपी के 120 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। जो अच्छी स्थिति नही मानी जाती है। 2018 में ही श्रीलंका का कर्ज उसके जीडीपी के 91 प्रतिशत तक हो चुका था। कहा जाता है कि, 2014 में श्रीलंका का कर्ज उसके जीडीपी के केवल 30 प्रतिशत तक ही था। तभी वर्ल्ड बैंक ने श्रीलंका को चेतावनी दी थी कि, कर्ज 65 प्रतिशत से ज्यादा नही होना चाहिए। लेकिन वर्ल्ड बैंक के चेतावनी को श्रीलंका ने नजरंदाज किया, ऐसा ही दिख रहा है।

श्रीलंका के जनता ने राष्ट्रपति सचिवालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया (फोटो क्रेडिट :-रॉयटर्स)
विकसित देशों पर भारत के कर्ज से ज्यादा कर्ज है :-
आपको जानकर हैरानी होगी कि, केवल अविकसित और विकासशील देशों पर ही नहीं बल्कि विकसित देशों पर भी तगड़ा कर्ज है।
अमेरिका जिसे दुनियां का सबसे पावरफुल देश माना जाता है। उस अमेरिका पर कुल कर्ज 30 हज़ार 400 अरब डॉलर है। जो भारत के कुल कर्ज से 49 गुना अधिक है। हमारा पड़ोसी और दुनिया का दूसरा सबसे पावरफुल देश चीन को कहा जाता है। चीन भी कर्ज लेने के मामले में कुछ कम नहीं हैं। चीन पर कुल कर्ज 13 हज़ार अरब डॉलर है। मतलब भारत के कुल कर्ज से 20 गुना अधिक। आप तो जानते ही हैं कि, ब्रिटेन ने एक समय पुरी दुनिया को अपना गुलाम बनाया था उस ब्रिटन पर भी 9 हजार 20 अरब डॉलर का कर्ज है।
अब अगर हम इन देशों के जीडीपी की तुलना उनके कर्ज से करे तो, हम अपने देश भारत को काफ़ी अच्छे स्थिति में पाएंगे और भारत के बारे में श्रीलंका वाली स्थिति को भूल जाएंगे। आपको बता दें कि, सुपरपावर अमेरिका पर कुल कर्ज उसके जीडीपी के 101 प्रतिशत तक है। ब्रिटन की बात करे तो, ब्रिटन पर कुल कर्ज उसके जीडीपी के 317 प्रतिशत तक है। फ्रांस पर 256 प्रतिशत उसके कुल जीडीपी के कर्ज है। कर्ज के मामले में इन देशों के सामने भारत कही नही ठहरता। क्युकी भारत पर कुल कर्ज उसके कुल जीडीपी के केवल 19.9 प्रतिशत ही है। मतलब अर्थशास्त्र के अनुसार भारत फिलहाल काफ़ी अच्छे स्थिति में है।
आशा करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
कई मुश्किलों को मात देने के बाद हुई भारत की खोज। भारत की खोज का रोमांचकारी इतिहास।