Last Updated on 2 months by Sandip wankhade
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बहुत से कपल को जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। आपने भी अपने आस पास ऐसे लोगों को देखा होगा, जो सेम टू सेम दिखते हैं। जुड़वा बच्चे होना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन ये खतरनाक जरूर है। अगर कोई चाहता है कि, उन्हे जुड़वा बच्चा (judwa bacha) हो तो, जाने इस लेख में जुड़वा बच्चे कैसे होते है (Judwa bacche kaise hote hai)
आपने कई बार सुना या देखा होगा कि, कुछ महिलाओं को डिलिवरी के दौरान एक साथ दो या तीन बच्चे होते है। मेडिकल की भाषा के अनुसार एक स्पर्म केवल एक ही अंडे मे प्रवेश कर सकता है। एक अंडे मे एक साथ दो स्पर्म एंट्री नहीं कर सकते हैं। फिर सवाल यह उठता है कि, फिर जुड़वा बच्चे कैसे होते है? आइए जानते हैं।
जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते है (judwa bacche kaise paida hote hai)
आपको बता दें कि, दो तरह से जुड़वा बच्चे किसी महिला को होते है। एक आयडेंटिकली, जिसे मेडिकल की भाषा में मोनोजाइगोटीक कहा जाता है। दूसरा नॉन आयडेंटिकली, जिसे मेडिकल की भाषा में डाइजाइगोटीक कहा जाता है। यह बात तो सब जानते होंगे कि, महिला के अंडाशय से एक वक्त में केवल गर्भाशय में एक ही अंडा आता है, जो पुरुष के केवल एक ही शुक्राणु से फर्टीलाइज होता है। जिससे एक बच्चा या भ्रूण बनता है। लेकिन कभी कभार इस एक ही फर्टीलाइज हुए अंडे से एक नही बल्कि दो भ्रूण बनते है। चुकी ये दोनो भ्रूण एक ही अंडे से बने होने के कारण ये दोनों सेम होते है। ये दोनों भ्रूण या तो दो लड़की – लड़की हो सकते हैं। या फिर लड़के – लड़के हो सकते हैं। जो दिखने में बिलकुल एक सरीखे होते है। एक ही अंडे से बने होने के कारण, इन दोनों भ्रूण के अमूमन सभी चीजे एक जैसी होती हैं। जैसे दिखने में चेहरा, रंग, कद काठी यहां तक कि डीएनए भी। लेकिन दोनों बच्चो में केवल एक चीज अलग होती हैं और वह है उनके फिंगर प्रिंट। इस तरह के बच्चों को, जो एक अंडे से बने होते है। उन्हे आसान भाषा में आयडेंटिकल कहा जाता है, तथा मेडिकल की भाषा में इस तरह के बच्चों को मोनोजाइगोटीक ट्विंस कहा जाता है।
लेकिन कभी कभार किसी महिला को दो बच्चे होते है। लेकिन वे जुड़वा नही होते हैं। इसके पिछे की वजह है। कभी कभी महिला के अंडाशय से एक वक्त में एक नही बल्कि दो या तीन अंडे गर्भाशय में दाखिल होते है, जो पुरुष के अलग अलग शुक्राणु द्वारा फर्टीलाइज होते है। जब ऐसा किसी महिला के साथ होता है। तब वे बच्चे एक साथ होने पर भी जुड़वा नही होते है। वे दोनो दिखने में बिलकुल अलग अलग होते। वे दोनों बच्चे या तो लड़का – लड़का होते है। या लड़की – लड़की होते है या फिर लड़का – लड़की हो सकते हैं।
इन बच्चों के दिखने की बात करे तो, चुकी ये अलग अलग अंडों से बने होने के कारण इनमें किसी भी प्रकार की कोई समानता नहीं होती है। ये दोनों बच्चे दिखने में बिलकुल अलग होते है। जब ऐसे बच्चे किसी महिला को होते है, तब ऐसे बच्चों को आसान भाषा में नॉन आयडेंटिकल बच्चे कहा जाता है। तथा मेडिकल की भाषा में ऐसे बच्चों को डाइजाइगोटीक ट्विंस कहा जाता है। (Judwa bacche kaise hote hai)
जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना (judwa bacche paida hone ki sambhavna)
आंकड़ों की माने तो, दुनिया में हर 40 महिलाओं में से किसी एक महिला को ऐसे जुड़वा बच्चे पैदा होते है। वर्तमान में जुड़वा बच्चे पैदा होना आम हो गया है। इसके पिछे की वजह है महिलाओं का लेट गर्भवती होना है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि, पिछले दो दशकों में महिला द्वारा बच्चे पैदा करने के समय में काफी परिर्वतन आया है। महिलाएं काफ़ी लेट शादियां कर रही है, तथा लेट बच्चो को जन्म दे रही है।। जिस कारण से ऐसे जुड़वा बच्चे पैदा होने का प्रमाण बढ़ा है। दूसरा कारण जुड़वा बच्चे पैदा होने का, आईवीएफ और आईयूआई तकनीक का बढ़ा हुआ प्रचलन भी है। ये तकनीक क्या होती हैं और इससे बच्चे कैसे पैदा होते है? यह पढ़ने के लिए हमारा यह लेख जरूर पढ़े – क्या आपके मन मे भी यह सवाल आया है कि, बच्चा कैसे पैदा होता है (baccha kaise paida hota hai)
पहले जुड़वा बच्चे पैदा होना जादू टोना लगता था।
आपको बता दें कि, आज भलेही जुड़वा बच्चा पैदा होना, हमे नॉर्मल लग रहा होगा। लेकिन पहले के जमाने में जुड़वा बच्चा पैदा होना, लोगों को जादू टोना लगता था। आपको बता दें कि, पहले जब किसी महिला को जुड़वा बच्चे पैदा होते थे, तब लोग कहते थे कि, उस महिला पर किसी ने जादू टोना किया है। इसलिए उस महिला को दो बच्चे पैदा हुए हैं।
जर्मनी में तो जुड़वा बच्चे पैदा होने पर खूब रिसर्च भी हुई थी। क्योंकि हर कोई जानना चाहता था कि, महिला को जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते है। (judwa bacche kaise paida hote hai) लेकिन आज विज्ञान ने इसके पीछे की असल को खोज रखा है।

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महिला को सबसे ज्यादा बच्चे कैसे पैदा होते हैं (mahila ko sabse jyada bache kaise paida hote hai)
आपने यह भी शायद न्यूज में पढ़ा होगा कि, आफ्रीका के एक कपल ने एक साथ नौ बच्चो को जन्म दिया है। फिर इसके पीछे क्या कारण हो सकता है। आपको बता दें कि, इसके पीछे भी यही वजह है, जो हमने इस लेख में पहले बताई है।
आपको बता दें कि, किसी महिला को दो या तीन बच्चे पैदा होना संभव है। अगर इससे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं, तो इसके पिछे की असल वजह महिला के अंडाशय से एक साथ कई सारे अंडों का गर्भाशय में प्रवेश करना प्रमुख कारण हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि, ऐसा केवल उन महिलाओ के साथ हो सकता है, जो ज्यादा उम्र की होती है और कद काठी से भी अन्य महिलाओं से बड़ी होती हैं। विशेषज्ञो के अनुसार ज्यादा उम्र की महिला को मासिक धर्म जब आता है, तब कभी कभार उनके अंडाशय से अंडा रिलीज ही नहीं होता है। फिर अचानक दुसरे मासिक धर्म में एक साथ कई सारे अंडे अंडाशय से रिलीज होकर गर्भाशय में आ जाते है और उन सभी अंडों का पुरुष के शुक्राणुओं से एक साथ फर्टीलाइज हो जाता है और महिला को ज्यादा जुड़वा बच्चे पैदा हो जाते है।
आपको बता दें कि, ऐसे मामलों की संभावनाएं तब ज्यादा होती हैं, जब महिला अपना फर्टीलिटी ट्रीटमेंट कराती है। जब ज्यादा उम्र की महिला को बच्चा नहीं होता है। तब ऐसी महिलाएं बच्चे की चाहत में डॉक्टर से मेडीकल ट्रीटमेंट लेती है। मेडीकल ट्रीटमेंट में मिली दवाओं के कारण महिला में ज्यादा अंडे बनने लगते है। जो किसी मासिक धर्म में एक साथ अंडाशय से रिलीज हो जाते है।
प्रेग्नेंसी में जुड़वा बच्चे के लक्षण (pregnancy me judwa bacche ke lakshan)
जब किसी महिला को जुड़वा बच्चे पैदा होने वाले होते है, तब उस महिला में कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं। इन लक्षणों को ज्ञात किया जा सकता है।
1) दिल की धड़कन
दिल की धड़कन को ज्ञात करके यह पता लगाया जा सकता है कि, जुड़वा बच्चे है या नहीं।
2) एचसीजी (HCG) का लेवल
जब गर्भवती महिला में एचसीजी (HCG) का लेवल अधिक बढ़ता है, यह लक्षण भी जुड़वा बच्चे पैदा होने का होता है।
3) एएफपी (AFP) टेस्ट
जुड़वा बच्चे है या नहीं। यह एएफपी (AFP) टेस्ट के तहत भी जांचा जा सकता है। जब महिला के एएफपी (AFP) टेस्ट के परिणाम असामान्य होते है, तब जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना काफी होती हैं।
4) गर्भाशय का आकार
जब महिला के गर्भाशय का आकार सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, तो यह लक्षण जुड़वा बच्चे के होते है।
5) वजन
जब गर्भवती महिला का वजन सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, तो यह लक्षण भी जुड़वा बच्चे का होता है।
6) ज्यादा उल्टीयां
अक्सर गर्भवती महिलाओं को उल्टीयां आती है। लेकिन जिन महिलाओं के गर्भ में दो या अधिक बच्चे होते है। उन्हे ज्यादा उल्टीयां आती है।
7) अत्याधिक थकान
जुड़वा बच्चे पैदा होने का एक और कारण महिला को अत्याधिक थकान आना भी है। जिस महिला को अत्याधिक थकान आती है उस महिला के गर्भाशय में जुड़वा बच्चे हो सकते हैं।
8) अनुवांशिकता
जुड़वा बच्चे पैदा होने का एक और उल्लेखनीय कारण अनुवांशिकता भी है। इस वजह से भी जुड़वा बच्चे हो सकते हैं।
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इस तरह जुड़वा बच्चे पैदा होने के कई लक्षण गर्भवती महिला में होते है। दोस्तों यह थीं पूरी जानकारी जुड़वा बच्चे कैसे होते हैं (judwa bacche kaise hote hai) इसकी जानकारी।
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