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मानक समय से आप क्या समझते हैं? (manak samay se aap kya samajhte hain)

मानक समय से आप क्या समझते हैं? (manak samay se aap kya samajhte hain)
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Last Updated on 6 months by Sandip wankhade

मानक समय से आप क्या समझते हैं? (Manak samay se aap kya samajhte hain) तथा मानक समय दुनियां के लिए क्यों जरुरी है। इस लेख में हम इस बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

आप तो जानते ही होंगे कि, हमारा शरीर मानव द्वारा निर्मित समय मानक के हिसाब से नही बल्की प्रकृति के हिसाब से चलता है। अर्थात सूर्य के सूर्योदय द्वारा और सूर्यास्त द्वारा चलता है। लेकिन आप तो जानते ही होंगे कि, पृथ्वी जब सूर्य के चक्कर गोल गोल घूमते हुए लगाती है तो, पृथ्वी के एक हिस्से में दिन होता है और एक हिस्से में रात होती हैं। ठीक इसी तरह पृथ्वी के कुछ हिस्सों में जल्द सूर्योदय होता हैं तो वही कुछ हिस्सों में देर से सूर्योदय होता है।

जैसा कि आप जानते होंगे कि, समय हमारे जीवन में कितना कुछ महत्व रखता है। हमारे जितने भी कार्य और गतिविधियां है, वह सभी समय के साथ जुड़ी हुई होती हैं। प्राचीन काल से ही समय हमारे जीवन पर प्रभाव डालता आ रहा है। समय की अहमियत हम जंतर मंतर में बने वेधशाला से लगा सकते है। यह वेधशाला पुराने समय में राजा जयसिंह द्वारा बनाई गई है। आपको बता दें कि, राजा जयसिंह खुद एक अच्छे खगोलशास्त्री थे। यह वेधशाला तब बनाई गई थी, जब दुनियां में टेक्नोलॉजी आई भी नहीं थी। राजा जयसिंह द्वारा बनाई गई यह वेधशाला आज भी उतनी ही अचूक और सक्षम है जितनी की आज की वेधशालाएं यंत्र।

मानक समय से आप समझते हैं कि, यह एक ऐसा समय का निर्धारण है, जो समस्त देश, प्रदेश या लोगों के लिए एक सामान्य और अनुशासित समय का निर्धारण है या फिर हम कह सकते है कि, समय एकरूपता है।

मानक समय से आप समझते हैं कि, यह एक ऐसा समय होता है, जो समस्त देश के निवासियों के लिए एक वैध करार समय होता है। जो पूरे देश में मान्य होता है।

इसे हम एक उदाहरण के जरीए समझते हैं। जैसे कि, मई के महीने में यदी आप मुंबई में है, तो वहा पर सूर्योदय लगभग 6 बजे होगा और लोगों की दिनचर्या 6 बजे ही शुरू होगी और यदी आप इसी मई के महीने में अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में है, तो वहा पर सूर्योदय लगभग 4.50 पर होता हुआ हमें दिखाईं देगा और वहा पर लोगों की दिनचर्या लगभग 4.50 को शुरू होती हुई आपको दिखाईं देगी। इसी कालचक्र को मैनेज करने के लिए और पूरे देश को एक ही समय चक्र में बांधने के लिए मानक समय की जरुरत होती हैं।

भारत का मानक समय

भारत ने अपना मानक समय 1 सितंबर 1947 को स्वीकार किया। जो ग्रीनविच स्टैंडर्ड टाइम से साढ़े पांच (+5.30) घण्टे आगे है। आपको बता दें कि, ग्रीनविच ब्रिटेन में मौजूद एक ऐसा स्थान है। जिसे शून्य अथवा जीरो लॉन्गिट्यूड केनान के नाम से जाना जाता हैं।

मानक समय से आप समझ सकते है कि, यह एक ऐसा टाईम जोन होता है, जो समस्त देश के विस्तृत भूभाग के लिए एक सामान्य समय चक्र होता है। जो सरकार द्वारा मान्य किया हुआ होता है। ताकी प्रदेश के समस्त लोग अपना दैनिक कार्य एक ही समय पर ठीक से कर सके।

दोस्तों यह थीं मानक समय से आप क्या समझते हैं इसकी सटीक जानकारी। आशा करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।

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