Last Updated on 2 months by Sandip wankhade
एक दिन को चार भागों में बांटा जाता है जिसे हम पहर कहते हैं। हर पहर का अपना समय होता है जो दिन भर में बदलता रहता है। पहर एक समय से जुड, इकाई है। आपको बता दें कि, पहर जिसे पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश और खास कर भारत में इस्तेमाल होने वाली समय की एक इकाई है। भारत के लगभग सभी भागों में पर खास कर उत्तर भारत के क्षेत्र में अधिक इस्तेमाल की जाने वाली एक समय इकाई है।
1 दिन में कितने पहर होते हैं (1 din mein kitne pahar hote hai)
आपको बता दें कि, एक दिन २४ घंटे का होता है जो रात के 12 से शुरू होकर रात के 12 बजे ही खत्म होता हैं। इसी 24 घण्टे के दिन को 8 भागों विभाजित किया गया है इन्ही भागों को पहर कहा जाता है। अर्थात 1 दिन में 8 पहर होते हैं और हर एक पहर औसतन ३ घण्टे का होता है। पहर एक दिन को आठ भागों में बाँटते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
दिन के 4 पहर:
प्रथम पहर जिसे पूर्वान्ह कहते है, द्वितीय पहर जिसे मध्यान्ह कहते है, तृतीय पहर जिसे अपरान्ह कहते और दिन का चौथा पहर जिसे सायंकाल कहते है।
रात के 4 पहर:
रात्रि का प्रथम जिसे प्रदोष कहते है, रात्रि का द्वितीय पहर जिसे निशिथ कहते है, रात्रि का तृतीय पहर जिसे त्रियामा कहते है और रात्रि का चौथा पहर जिसे उषा कहते है।
पहरों की लम्बाई और नाम (pahar ki lambai aur pahar ke naam)
जैसा कि आपने जाना कि, दिन के चार पहर होते हैं और रात्रि के चार पहर होते हैं। रात्रि का पहला पहर सूरज ढलते ही शुरू होता है और सूरज उगते ही रात्रि का अंतिम या चौथा पहर समाप्त हो जाता हैं। इसी तरह दिन का पहला पहर सूरज उगते ही आरम्भ होता हैं और सूरज ढलते ही दिन का अंतिम या चौथा पहर समाप्त हो जाता हैं। आपको बता दें कि, सामान्यता प्रत्येक पहर सामान्यता तीन घण्टे का है। क्योंकि मौसमों के साथ दिन और रातों की लम्बाई बदलती है, इसलिए पहरों की लम्बाई भी बदलती है। सर्दियों में रातें लम्बी होती है। जब राते लम्बी होती है, तब एक रात का पहर लगभग ३.५ घंटे का होता है और दिन का पहर लगभग २.५ घंटे का होता है। इसी तरह गर्मियों में इसके दिन बड़े होते हैं और राते छोटी होती है जब दिन लंबी होती है, तब रात का पहर लगभग २.५ घंटे का होता है और दिन का पहर लगभग ३.५ घंटे का होता है। विषुव (इक्विनॉक्स) के दिनों में दिन और रात बराबर होते हैं और इसमें दिन और रात के पहर दोनों 3-3 घंटे के होते हैं।
दिन का पहला पहर कब होता है (din ka pahla pahar kab hota hai)
आपको बता दें कि, दिन का पहला पहर सुबह 6 बजे से शुरू होता है और सुबह के 9 बजे समाप्त हो जाता हैं। दिन के इस पहले पहर को पूर्वान्ह कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
दिन का दूसरा पहर कब होता है (din ka dusra pahar kab hota hai)
आपको बता दें कि, दिन का पहला पहर सुबह के 9 बजे से शुरू होता है और 12 बजे समाप्त हो जाता हैं। दिन के इस दूसरे पहर को मध्यान्ह कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
दिन का तीसरा पहर कब होता है (din ka tisra pahar kab hota hai)
दिन का तीसरा पहर दिन के 12 बजे शुरू होता है और 3 बजे समाप्त हो जाता हैं। दिन के इस तीसरे पहर को अपरान्ह कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
दिन का चौथा पहर कब होता है (din ka chautha pahar kab hota hai)
दिन का चौथा पहर दिन के 3 बजे शुरू होता है और श्याम के 6 बजे समाप्त हो जाता हैं। दिन के इस चौथे पहर को सायंकाल कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
रात्रि का पहला पहर कब होता है (raat ka pahla pahar kab hota hai)
आपको बता दें कि, रात्रि का पहला पहर श्याम 6 बजे से शुरू होता है और रात्रि के 9 बजे समाप्त हो जाता हैं। रात्रि के इस पहले पहर को प्रदोष कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
रात्रि का दूसरा पहर कब होता है (raat ka dusra pahar kab hota hai)
आपको बता दें कि, रात्रि का दुसरा पहर रात के 9 बजे से शुरू होता है और रात के 12 बजे समाप्त हो जाता हैं। रात्रि के इस दुसरे पहर को निशिथ कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
रात्रि का तीसरा पहर कब होता है (raat ka tisra pahar kab hota hai)
रात्रि का तीसरा पहर रात के 12 बजे से शुरू होता है और रात के 3 बजे समाप्त हो जाता हैं। रात्रि के इस तीसरे पहर को त्रियामा कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
रात्रि का चौथा पहर कब होता है (raat ka chautha pahar kab hota hai)
रात्रि का चौथा पहर रात के 3 बजे से शुरू होता है और सुबह के 6 बजे समाप्त हो जाता हैं। रात्रि के इस चौथे पहर को उषा कहते है। यहां ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि, मौसमों के साथ साथ यह टाइमिंग बदलती हैं। जिसका उल्लेख हमने पहले किया है।
पहर शब्दोत्पत्ति
‘पहर’ शब्द हिन्दी भाषा का मुख्य शब्द प्रहर का अपंभ्रष शब्द है। जो ‘पहरा देने’ और ‘पहरेदारी’ के सम्बंध में भी प्रयोग होता है। जो संस्कृत के प्रहरी शब्द का ही एक रूपांतर है। एक प्रहर राजाओं के समय में प्रहरियों के लिए एक बार का कार्य-काल होता था (यानि हर प्रहर में द्वारपाल बदला जाता था)।
पहरों का समय निर्धारित होता है ताकि लोग समय को आसानी से समझ सकें और उसका उपयोग कर सकें। पहर एक वैज्ञानिक तरीके से टाइम के मूल्यांकन में मदद करता है, जो दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
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