जाने सुहागरात (suhagrat) से जुड़ी अहम बातें

4.1/5 - (10 votes)
सुहागरात (suhagrat)
Photo credit Jodha Akbar serial

सुहागरात (suhagrat) आपके मन मे भी इसे लेकर तमाम सवाल उठे होंगे कि, सुहागरात किसे कहते है (suhagrat kise kahte hai), सुहागरात क्या होती हैं (suhagrat kya hoti hai), सुहागरात कैसे मनाते हैं (suhagrat kaise manate hain), सुहागरात में क्या किया जाता है (suhagrat mein kya kiya jata hai), सुहागरात में क्या होता है (suhagrat mein kya hota hai) आदी इस प्रकार के सवाल दोनों के भी मन में आते हैं। यह सवाल खासकर उन लोगों के मन में ज़्यादा आते है, जिनकी नई नई हाल ही में शादी हुई है। या फिर शादी होने वाली होती हैं। इस लेख में हम उन सभी सवालों के जवाब देंगे, जो उनके दिमाग में सुहागरात (suhagrat) को लेकर आ रहे हैं। सबसे पहला सवाल जो सभी के मन में आता है। वह है सुहागरात क्या होती हैं? आइए जानते हैं।

Table of Contents

सुहागरात किसे कहते है (what is suhagrat)

सुहागरात (suhagrat) इस शब्द मे ही इसका अर्थ छुपा हुआ है। पूरी दुनिया में जैसे पुरुषप्रधान संस्कृती है। जिस कारण यह शब्द भी पुरुषप्रधान में ही आता है। यह शब्द दो शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। सुहाग+रात अर्थात सुहागरात (suhagrat)। सुहागरात का मतलब अपने सुहाग (पति) के साथ पत्नी जो पहली रात बिताती है, उस रात को सुहागरात कहते है। पर लोग बहुत अलग अलग दिमाग के होते हैं। कुछ लोग सुहागरात (suhagrat) का मतलब सीधा यौन क्रिया से जोड़ कर देखते हैं। जो बिलकुल गलत है। आपको बता दें कि, सुहागरात (suhagrat) सिर्फ दो जिस्मों का मिलन नही, बल्कि एक नए जीवन की शुरूआत है।

सुहागनरात किसे कहते है (what is suhaganrat)

कुछ जगह पर हमे सुहागरात (suhagrat) की जगह सुहागनरात (suhaganrat) शब्द पढ़ने, दिखने तथा सुनने को मिलता है। आपको बता दें कि, इस शब्द का अर्थ भी सुहागरात शब्द की तरह ही उसी में छुपा हुआ है। सुहागनरात (suhaganrat) शब्द भी दो शब्दों से मिलकर बना है। सुहागन+रात अर्थात सुहागनरात (suhaganrat)। पति अपनी पत्नी अर्थात अपनी सुहागन के साथ जो पहली रात बिताता है, उस पहली रात को सुहागनरात (suhaganrat) कहते है।

अब आप जान चुके होंगे कि, सुहागरात (suhagrat) किसे कहते है, तथा सुहागनरात (suhaganrat) किसे कहते है।

सुहागरात कैसे मनाते हैं (suhagrat kaise manate hain)

जैसा कि आप जानतें हैं कि, घर पर बहु के आगमन के बाद सुहागरात मनाने की शुरूआत की जाती हैं। सुहागरात से पहले कई रस्मों को निभाया जाता है।

सुहागरात की शुरूआत बहु के स्वागत के साथ मनाई जाती हैं

जब बहु पहली बार हमारे घर पर आती है, तब घर की चौखट पर वह पहली बार अपना कदम रखती है। इस दौरान हमारे कई सारे रिश्तेदार वहा नए बहु का स्वागत करने के खड़े होते है। सब तरफ़ खुशी का माहौल होता है।

आपने शादियों में देखा होगा। बहु के गृह प्रवेश करने से पहले भी कई रस्में की जाती हैं। जैसे चावल से भरा लौटा प्रवेश द्वार पर रखा जाता है। जिसे दुल्हन अपने दाहिने पैर से घर के अंदर गिराती है। इससे पहले भी एक रस्म की जाती हैं। जैसे दूल्हा दुल्हन की आरती उतरना, नजर उतरना आदी। चावल का लौटा जब दुल्हन घर के अंदर गिराती है, तब वह अपने ससुराल में घर में अपना पहला कदम रखती है।

सुहागरात के पहले नई नवेली दुल्हन के पद चिन्ह जमीन पर लिए जाते है

यह रस्म भी सुहागरात के पूर्व की जाती हैं। जब दुल्हन घर में प्रवेश करती हैं। उसके बाद इस प्रकार की रस्म की जाती है। यह रस्म मुस्लिम समुदाय में तो नहीं होती है। पर हिंदू समुदाय में जरूर होती हैं। क्युकी हिंदू धर्म में बहु को लक्ष्मी का रूप माना जाता है।

जब बहु अपना कदम किचन में रखने जाती हैं। तब इस रस्म को किया जाता है। तब किचन में बहु का पहला कदम पड़ने से पूर्व एक लाल रंग की थाली को किचन के प्रवेश द्वार पर रखते हैं। जिसमें बहु अपने दोनो पैर रखती है। जिसके बाद वह जमीन पर चलने लगती हैं और अपने कदमों के निशान कीचन में छोड़ती है।

सुहागरात के पहले खेल का आयोजन मनाया जाता है

सुहागरात (suhagrat) के पहले खेल का आयोजन करना एक अच्छी रस्म है। इस रस्म के तहत दुल्हन को घर के सभी लोगों से बात करने का मौका मिलता है और वह इस खेल के माध्यम से अपने नए परिवार को जान पाती हैं। ठीक इसी तरह से दूल्हा और उसके घर के लोग भी नए दुल्हन को जान पाते हैं। सुहागरात के पूर्व इस तरह की रस्म से दोनों में कुछ बाते होती हैं, जो उन दोनों को करीब लाने में मदद करती हैं। एक दूसरे से बात करने का मौका देती हैं।

सुहागरात के पहले चेहरा दिखाने की रस्म

घर के रिश्तेदार दुल्हन के लिए अनजान होते हैं। जब वह घर में प्रवेश करती हैं। इस रस्म के तहत उसे रिश्तेदारों से जान पहचान करने का मौका मिलता है। ठीक इसी तरह से रिश्तेदारों को भी नए दुल्हन से जान पहचान करने का मौका मिलता है।

सुहागरात के पहले कमरे को सजाया जाता है

सुहागरात (suhagrat) के पहले जब सारी रस्में पूरी हो रही होती हैं, तब उसी दौरान दूल्हा दुल्हन के कमरे को सजाकर रखा जाता है। सारी रस्में पूरी होने के बाद दुल्हन को कमरे में भेज दिया जाता है। जहा वह सज धज कर अपने पति की राह देखते हुए बेड पर बैठी हुई होती है। उसके बाद कमरे में दूल्हे की एंट्री होती हैं। कुछ जगह पर पहले दूल्हे को कमरे भेजा जाता है। उसके बाद दुल्हन एक दुध का ग्लास लेकर कमरे में जाती हैं। यह दुध खासकर दूल्हे के लिए होता है। या फिर दोनों के लिए भी होता है। (suhagrat bedroom decoration items with discount) अब सवाल उठता है कि,

सुहागरात (suhagrat) कैसे मनाई जाती हैं। सुहागरात पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? आइए जानते हैं।

तोहफा देकर सुहागरात मनाई जाती हैं

सुहागरात मनाने से पूर्व तोहफा देना, सुहागरात शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप तो जानते ही हैं कि, उपहार किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाता है। जब आप पहली बार अपने पत्नी को अकेले में, एक कमरे में, एक बेड पर मिलने वाले है तो, आप उन्हे तोहफा देकर अपना प्यार दिखा सकते हैं। क्युकी सुहागरात की रात पति द्वारा मिला उपहार किसी के भी लिए अनमोल होता है। इसे वह जिंदगी भर याद रखती है। दुसरी बात दूल्हे द्वारा दीया गया तोहफा, दूल्हे को सुहागरात मनाने का मौका देता है अर्थात बात करने का मौका देता है। नही तो, आप बिना तोहफे के दुविधा में पड़ेंगे कि, अब बात कैसे शुरू करे। तोहफे के बहाने व्यक्ती बात कर सकता है। ????सुहागरात के लिए बेस्ट ड्रेस

सुहागरात के समय एक दूसरे को जानने की कोशिश करे

सुहागरात की रात डायरेक्ट दो जिस्म एक जान ना बने। एक दूसरे से बाते करे। अपनी पसन्द ना पसन्द शेअर करे। कोई भी जोड़ा जब ऐसा करता है तो, वह अपने सुहागरात को सफल और यादगार बना सकता है। अपने पार्टनर से अच्छे से बात करे ताकी वह आप पर, उस अनजान घर में भरोसा कर सके। सुहागरात (suhagrat) की रात एक दूसरे को समझने का पुरा प्रयास करें। उन्हे भरोसा दे की, आप उनसे कितनी मोहब्बत करते हैं। किसी रिश्ते में प्यार बहुत मायने रखता है।

सुहागरात (suhagrat) में संबंध कैसे बनाए

सुहागरात का यह पल बाकी पलो की तरह ही काफी यादगार होता है। इन पलों को हर कोई जिंदगी भर याद रखता है। इसलिए संबंध बनाते समय दोनों की सहमती होना काफी जरूरी है। जबरदस्ती ना करें। इस काम को आप बातों के साथ धीरे धीरे शुरू कर सकते हैं। याद रहें कि, कोई भी लडकी सबसे पहले संबंध बनाने में आगे नहीं आएंगी। इसमें पहल पुरूष को ही करनी होगी। ऐसा खासकर अरेंज मैरेज में ही होता है। यदि आपका लव मैरेज है तो, कोई बात नही। क्युकी लव के बाद और मैरेज से पहले ही आप कई बार संबंध बना चुके होते है।

संबंध बनाने से पहले ओरल *** करे

याद रहें संबंध बनाने से पूर्व अपने पार्टनर से रोमांस जरूर करे। इससे दोनों में भी उत्तेजना चरम पर पहुंचेंगी। जिसके बाद संबंध बनाने पर दोनों को संतुष्टि प्राप्त होगी।

यदी आप सीधे संबंध बनाने लगेंगे तो, शायद आप संतुष्ट होंगे, पर आपकी पार्टनर नही। वैसे भी जिंदगी में कभी भी संबंध बनाने से पूर्व ओरल *** काफी जरूरी है। इससे आप जल्दी थक जाने से पहले ही अपने पार्टनर को संतुष्ट कर सकते हैं।

सुहागरात की रात क्या करना नही चाहिए

सुहागरात की रात अपने पार्टनर पर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए

बहुत से लोग किसी के बहकावे में आकर अपनी सुहागरात की रात को खराब कर देते है। तो वही कुछ लोग गलत जानकारी के चलते ऐसा कर बैठते है। याद रहें कि, दोनों की मर्जी हो तभी सुहागरात की रात आप संबंध स्थापित कर सकतें है। इसके लिए जोर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। जरूरी नहीं कि, पहली ही रात को सब होना चाहिए। यह आप दोनों की रात होती हैं। इसलिए इसे जितना हो सके यादगार बनाने की कोशिश करे। दोनों के सहमती से हर चीज़ करे।

क्या आप भी सर्च कर रहे हैं, टाइम बढ़ाने की मेडिसिन पतंजलि

सुहागरात की रात पार्टनर से गुस्से में बात नही करनी चाहिए

यह खास कर बहकावे में किया जाता है। बहुत से दूल्हे या फिर दुल्हन किसी के बहकावे में आकर अपना रोब जमाने के लिए गुस्से में बात करते हैं, जो बिलकुल गलत है। इससे रिश्ता मजबूत होने के बजाए कमजोर होता है। शादी के इस पहली रात को गुस्से से काम नहीं लेना चाहिए। यदि आपके पार्टनर से कोई गलती हो जाती हैं तो, उसे माफ करे। इससे आप उन्हे कितना चाहते हैं इसका ऐहसास होगा। तथा आप कितने समझदार है इसका भी उन्हें ऐहसास होगा।

सुहागरात की रात अपने पार्टनर को उनके पास्ट के बारे में ना पूछे

यह सबसे गलत बात है। सुहागरात की रात अपने पार्टनर को उनके पास्ट के बारे में जानने की कोशिश करना किसी भी रिश्ते को पल में मिटा सकता है। इससे व्यक्ती की मानसिकता को लेकर अपने पार्टनर के दिमाग में गलत संदेश जाता है। यदि आप अपने पार्टनर को उनके पास्ट के बारे जानना ही चाहते थे तो, आप शादी से पहले जानने की कोशिश कर सकतें थे। शादी के बाद ऐसा करना गलत है। वैसे भी शादी के पहले हर किसी की अपनी लाइफ होती हैं। शादी के बाद आप उनके लाइफ में आए हैं। इस मौके पर व्यवहार में सौम्यता बरतकर पार्टनर के दिल पर गहरी छाप छोड़े।

सुहागरात की रात शादी पर हुए खर्च के बारे में अपने पार्टनर को ना बताए

बहुत से लोग कंजूस होते है और वे सुहागरात के दिन ही अपने पार्टनर को बताने लगते है कि, उन्होने शादी पर कितना खर्च किया है। ऐसा है तो, फिर धूमधाम से शादी ही क्यों की। ऐसा ना करे। जितना हो सके, उतना टेंशन फ्री रहे।

सुहागरात की रात शरीर की साफ-सफाई को नजरअंदाज न करें

शादी की पहली रात है। इसलिए आप अपने शरीर के साफ सफाई के बारे में ना भूले। यदी आप ऐसा नहीं करते हैं तो, आप दोनों भी असहज महसूस करोगे। अपने शरीर की अच्छी स्मेल आने के लिए आप स्प्रे यूज कर सकते हैं।

सुहागरात में नशीले चीजों का सेवन ना करे

सुहागरात (suhagrat) की रात नशे से दूर रहें। यदी आपको नशा करने की आदत है तो, आप एक रात के लिए तो रुक ही सकते हैं। क्योंकि हर कोई नशे में कोई ना कोई गलती जरूर कर बैठता है। सुहागरात एक दंपती के जीवन की महत्वपूर्ण रात होती हैं। इसे जितना हो सके यादगार बनाए। बाकी परेशानियां तो जिंदगी भर के लिए होती ही है।

यह थी सुहागरात किसे कहते है (suhagrat kise kahte hai), सुहागरात क्या होती हैं (suhagrat kya hoti hai), सुहागरात कैसे मनाते हैं (suhagrat kaise manate hain), सुहागरात में क्या किया जाता है (suhagrat mein kya kiya jata hai), सुहागरात में क्या होता है (suhagrat mein kya hota hai) आदी से जुड़ी विस्तृत जानकारी। दोस्तों यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताए। ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे अन्य लेख भी पढ़े।

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: प्रिय पाठक ऐसे कॉपी ना करें डायरेक्ट शेयर करें नीचे सोशल मीडिया आइकॉन दिए हैं