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धरती का वह हिस्सा जहाँ इंसान का शरीर भस्म हो जाता है, सूर्य जितना है तापमान, जानें कहाँ है वह स्थान

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Last Updated on 2 months by Sandip wankhade

धरती का वह हिस्सा जहाँ इंसान का शरीर भस्म हो जाता है, सूर्य जितना है तापमान, जानें कहाँ है वह स्थान


आप तो जानते ही होंगे कि, सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म तारा है. यह इतना गर्म है कि, आज तक उसके करीब कोई नही जा पाया है। लेकिन क्‍या आपको पता है कि धरती पर भी एक स्थान ऐसा है, जिसका तापमान माना जाता हैं कि, सूर्य के समान ही है। कहा जाता हैं कि, अगर कोई भी इन्सान किसी भी सुरक्षा कवच के वहा जाए तो, भी वह वहा पर जाते ही पलभर में भस्‍म हो जाएगा। वैज्ञानिक भी इस जगह को लेकर भौचक हैं। क्यूंकि इस स्थान पर इंसान की हड़िया तक पिघल जाती है।

हमारे पृथ्वी पर कई बर्फ जमी है तो वहीं कई पर भीषण गर्मी है। जैसे पृथ्वी पर के रेगिस्तान की बात करे तो वहां का तापमान 80 डिग्री तक चला जाता हैं वहीं अंटार्कटिका जैसी जगहों की बात करे तो वहां का तापमान -100 डिग्री सेल्‍स‍ियस तक भी चला जाता है। लेकीन इन स्थानो के अलावा हमारी पृथ्वी पर एक स्थान ऐसा है जहा का तापमान रेगिस्तान के तापमान जितना नही बल्की सूर्य के तापमान जितना पाया है। यहां पर यदी कोई इन्सान चला जाए तो पल भर में भस्म हो जाएगा। आज तक किसी भी देश का कोई भी साइंटिस्‍ट वहा पर नहीं जा पाया है। धरती पर की इस जगह का तापमान मापने की कई देशों द्वारा कई बार कोश‍िशें हुईं लेकिन कोई भी देश सफल नहीं हो सका।

हमने तो यह किताबों में जरुर पढ़ा होगा कि, धरती के अंदर हम जैसे जैसे जाते है, वैसे वैसे तापमान बढ़ते चला जाता हैं। लेकीन धरती ठिक बीचों बीच पहुंचने पर तापमान कितना होगा इसका कोई भी सटीक जवाब किसी भी वैज्ञानिक के पास नही है। इस स्थान पर के तापमान को लेकर केवल वैज्ञानिकों अनुमान है। लेकीन कोई भी इस बिंदु का तापमान नही माप पाया है।

जानकारी के अनुसार धरती के अंदर का तापमान खोजने के लिए एक बार रूस ने 1992 में प्रयास किया था। रूस ने अपने यहां धरती के भीतर का तापमान मापने के लिए एक गड्ढा खोदने की कोशिश की थीं, ताकी धरती के भीतर का तापमान मापा जा सकें। लेकीन 12200 मीटर की गहराई तक गड्ढे को खोदने के बाद रूस के बाद वैज्ञानिकों ने खुदाई रोक दीया था, क्‍योंकि 12200 मीटर की गहराई पर ही गड्ढे का तापमान 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। आपकों बता दें कि, रूस द्वारा खोदा गया यह गड्ढा दुनियां का सबसे गहरा गड्ढा माना जाता हैं। आपकों जानकर हैरानी होगी कि, रूस तब धरती की सात परतों में से एक परत का लेवल एक चौथाई हिस्‍सा भी पार नहीं कर पाया था। धरती के पहले परत के चौथाई हिस्से पर ही यदि इतना तापमान हो तो, जरा सोच कर देखिए धरती की सबसे आंतरिक परत मैग्मा परत है, जो 6,400 किलोमीटर नीचे स्थित है। तो सोच‍िए इस स्थान पर तापमान कितना ज्‍यादा होगा।

अनुमान है कि तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस होगा

आपकों बता दें कि, कुछ समय पहले साइंस मैगजीन की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुईं थीं, जिसमे बताया गया था कि, सुर्य का तापमान कितना है इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं। लेकीन वैज्ञानिक ऐसा मानते है कि, सुर्य का तापमान लगभग 1.5 लाख डिग्री सेंटीग्रेट के आसपास हो सकता है और उसके सतह का तापमान लगभग 6000 डिग्री सेंटीग्रेड हो सकता है।

तो क्या धरती के भीतर जो कोर क्षेत्र है उसका तपमान इतना हो सकता है? इसका जवाब हां है। पृथ्वी के भीतरी हिस्से का तापमान कीतना है इसको लेकर एक अध्ययन हुआ था, उस अध्ययन के मुताबिक पृथ्वी का कोर दो भागों से मिलकर बना हुआ है: एक आंतरिक कोर और दूसरा बाहरी कोर। आंतरिक कोर क्रिस्टलीय धातु की एक ठोस गेंद की तरह है, जबकि बाहरी कोर उन्हीं धातुओं की एक तरल परत से बना हुआ है। अध्ययन के मुताबिक बाहरी कोर का तापमान लगभग 6,000 डिग्री सेल्सियस के करीब है। वैज्ञानिकों का मानना है कि, रेडियोधर्मी तत्वों के क्षय के कारण पृथ्वी का कोर इतना गर्म है। ये तत्व टूटने पर गर्मी छोड़ते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण यह गर्मी कोर में फंस जाती है। जिसके चलते धरती के कोर का तापमान लगभग 6,000 डिग्री सेल्सियस हो सकता है।

रिसर्च में चौंकाने वाले आंकड़े

बीबीसी की एक रिपोर्ट है। जिसके मुताबिक, आपकों बता दें कि, पृथ्वी के भीतर का तापमान 6000 डिग्री सेल्‍स‍ियस हो सकता है यह रिसर्च फ्रांसीसी शोध एजंसी सीआईए के एजनेस डवेल ने 20 वैज्ञानिकों के साथ मिलकर की। इस टीम ने सायक्रोटोन रेडिएशन फैसिलिटी का इस्तेमाल करके धरती केंद्र पर अत्‍यध‍िक दबाव डाला। यह दबाव इतना ज्यादा था कि, समुद्र तल से 10 लाख गुना अध‍िक। इतने दबाव के बाद इन वैज्ञानिको को ऐसा पता चला कि, 6000 डिग्री सेल्‍स‍ियस धरती का तापमान है। आपको बता दें कि, सूर्य की परत का जो तापमान है वह इसी के आसपास आंका गया है। कहा जाता हैं कि, पहले इन्‍हीं वैज्ञानिकों ने धरती के भीतर का तापमान 5000 डिग्री सेल्‍स‍ियस होने की बात कही थी, पर उससे ज्यादातर वैज्ञानिक सहमत नहीं थे। लेकिन इस नई रिसर्च से जो आंकड़े सामने निकल कर आए हैं उससे ज्‍यादातर वैज्ञानीक सहमत नजर आते हैं।

अर्थात धरती के भीतर का स्थान जिसे धरती या पृथ्वी का नर्क कहा जाता हैं वह एक ऐसा स्थान है जहा पर कोई भी इन्सान भस्म हो जाएगा। क्यूंकि वहा का तापमान सुर्य के सतह के तापमान के बराबर है।

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