क्या होता है यह CAPTCHA और reCAPTCHA? Captcha Code Kya Hota Hai | कैप्चा कोड का उपयोग क्यों किया जाता है | How To Get Captcha Code | कैप्चा कोड को सॉल्व कैसे कर सकते हैं | Captcha Code Full Form Kya Hai | कैप्चा कोड कितने प्रकार के होते है|
इसलिए भरवाते है I’m not a robot.
क्या आपने कभी सोचा है कि, जब भी हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट पर अपना रेजिस्ट्रेशन करते या फिर अपना कोई अकाउंट बनवाते है, तब हमें I’m not a robot या फिर इस प्रकार के CAPTCHA CODE क्यों फिलअप करने को कहा जाता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि, जब भी हम google से कोई मूवी डाउनलोड करना चाहते है। कोई फाइल डाउनलोड करना चाहते है। तब हमें ये CAPTCHA क्यों दिखाया जाता है। हम गूगल पर जब अपना अकाउंट बनवाते है, कोई online shopping करते है। कोई फॉर्म भरते है, तब हमें I’m not a robot या फिर इस तरह का कोई CAPTCHA CODE या फिर reCAPTCHA CODE भरने को कहा जाता है। यह हमेशा जब भी हम कुछ इंटरनेट पर करते है, तब इस तरह का यह ऑपशन क्यों बार बार आता है? क्यों बार बार इसे भरने को कहकर हमारा वक़्त बर्बाद किया जाता है? क्यों हमें CAPTCHA CODE को बार बार दिखाकर परेशान किया जाता है?
क्या होता है यह CAPTCHA और reCAPTCHA? Captcha Code Kya Hota Hai | कैप्चा कोड का उपयोग क्यों किया जाता है | How To Get Captcha Code | कैप्चा कोड को सॉल्व कैसे कर सकते हैं | Captcha Code Full Form Kya Hai | कैप्चा कोड कितने प्रकार के होते है|
इस CAPTCHA CODE को समझने के लिए हम पहले एक example को देखते है।
मान लीजिए, हमे अपने मन पसंद कॉलेज में एडमिशन लेना है। उसके लिए हमें पहले अप्लाई करना होंगा। ताकि हमें एडमिशन मिले। जब एडमिशन की date और time रिलीज किया जाता है, तब लाखों स्टूडेंट एडमिशन पाने के लिए अपना online आवेदन देना शुरू कर देते है। या एडमिशन का online फॉर्म भरना शुरू कर देते है।
बहुत बार इससे क्या होता है? साइट डाउन हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्युकी काफी अधिक लोग एक ही समय पर साईट पर विजिट करने से साइट पर लोड आ जाता है और वह काम करना बंद कर देती है। इससे लाखों स्टूडेंट को आवेदन करने मे काफी दिक्कते आती है। इन दिक्कतों के कारण कई बार हमे अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन भी नही मिल पाती है।
मान लेते है इस दिक्कत से बचने के लिए मै क्या कर सकता हूँ? जैसे date और time रिलीज हो जाती है। मै जल्दी से अपना online form भरना शुरू कर देता हूँ।
मै पहले वेबसाइट पर विजिट करूंगा। वहा मै पहले रेजिस्ट्रेशन करूंगा, अकाउंट बनाउंगा, बाद में फॉर्म मे अपनी डिटेल्स को फिल करना शुरू कर दूंगा। आखिर में फॉर्म को सुबमिट कर दूंगा। इस काम को करने मे मुझे लगभग 5 से 10 मिनिट का वक्त लगेगा। लेकिन अचानक से अगर साइट पर ज्यादा विजिटर आ जाते है, तो साइट डाउन हो जाएंगी और मेरा आवेदन रुक जाएंगा।
लेकिन अगर मै प्रोग्रामर हू। मेरा दिमाग कोडिंग मे चलता है। मुझे कंप्यूटर की अच्छी नॉलेज है। तो मै क्या करूंगा? एक स्क्रिप्ट बनाऊंगा या फिर एक ऐसा रोबोट बनाऊंगा, जो मेरे इस काम को खुद अंजाम दे। से प लिए मै पहले एक रोबोट बनाऊंगा और इस रोबोट को अपने बारे में सारी डिटेल बता दूंगा। इससे होंगा क्या? जो फॉर्म मै भरने वाला था। उसे यह रोबोट या स्क्रिप्ट भर देंगा। बस मुझे सिर्फ इसे वक्त पर रन कराना होंगा।
मतलब जैसे date और time रिलीज हो जाती है। मै इस रोबोट या स्क्रिप्ट को चला दूंगा। बाद में यह रोबोट या स्क्रिप्ट खुद वेबसाइट पर विजिट करेंगी। मेरा रेजिस्ट्रेशन करेंगी, अकाउंट बनाएंगी, फॉर्म को भरेंगी यहाँ तक की online payment भी वह खुद कर देंगी। जहा मुझे यह काम करने मे पांच से दस मिनिट का समय लगता। यही काम एक रोबोट केवल पांच से दस सेकेंट में कर देगा।
बिना किसी दिक्कत के मेरा आवेदन सबमिट हो जाएंगा। अगर मुझे मेरे दोस्तों को भी एडमिशन दिलानी है। तो मै उनका भी आवेदन ऐसे ही रोबोट या स्क्रिप्ट बनाकर भर दूंगा।
फिर सवाल यह है कि, इसमें क्या दिक्कत है? यह अच्छा है बिना किसी दिक्कत के और समय बचाकर काम हो रहा है। लेकिन इससे एक परेशानी खड़ी हो गई।
इन रोबोट या स्क्रिप्ट के जरिए काफी तादाद में स्पैमिंग बढ़ी। साइट पर अचानक से स्पैम विजिटर आने लगे थे। Google पर कुछ सेकेंड में लाखों अकाउंट बनने लगे थे। किसी साइट को टार्गेट करके उसे बंद कर दिया जाता था। साइट का डेटा फुल कर दिया जाता था। इन रोबोट या स्क्रिप्ट के जरिए धोखाधड़ी के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हो गई थी।
इस प्रकार की कई सारी समस्याएं इंटरनेट की दुनिया में इन रोबोट या स्क्रिप्ट के जरिए खड़ी हो गई थी।
इस समस्या का हल करने के लिए दुनिया भर के एक्सपर्ट इस पर काम करने लगे और खोजने लगे कि, कैसे पता लगाया जा सके कि, ये जो काम किए जा रहे है। ये काम एक इंसान कर रहा है या फिर एक रोबोट।
आखिरकार यह सफलता प्राप्त हुई। इन रोबोट या स्क्रिप्ट को रोकने के लिए और उनकी पहचान करने के लिए। इन रोबोट या स्क्रिप्ट से इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए एक्सपर्टो ने एक कंसेप्ट लाया गया। जिसका नाम है CAPTCHA CODE.
CAPTCHA CODE का fullform
CAPTCHA CODE फुलफॉर्म होता है। Completely Automated Public Turing Test To Tell Computers And Humans Apart code
इस CAPTCHA CODE का हिंदी में मतलब होता है। कंप्यूटर और इंसानों को अलग बताने के लिए पूरी तरह से स्वचालित सार्वजनिक ट्यूरिंग टेस्ट।
दुनियाभर मे बहुत सारे अवैध काम रोबोट या स्क्रिप्ट के जरिए किए जा रहे है। CAPTCHA code को लाया हि इसलिए गया। ताकि दुनियाभर मे जितनी भी स्पैमिंग हो रही है। उनको रोका जा सके। हर कोई इंसान इंटरनेट का सुरक्षित इस्तेमाल कर सके इसलिए इस CAPTCHA code के कंसेप्ट को लाया गया।
इसके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि, वेबसाइट पर विजिट करने वाले humans है या robots. इस CAPTCHA की खोज दो समूहों ने मिलकर सन् 1997 में की। लेकिन उस समय इसे CAPTCHA नाम से नही जाना जाता था। इस नाम का आविष्कार 2003 में हुआ। लुइस वाॅन आह, मैनुअल ब्लम, निकोलस हुपर और जाॅन लैंगफोर्ड द्वारा captcha नाम का आविष्कार हुआ।
CAPTCHA code का अधिकारिक तौर पर इस्तेमाल करने वाली दुनिया की पहली वेबसाइट Idrive.com बनी। इस वेबसाइट ने अपने साइन अप पृष्ठ को सुरक्षित करने के लिए सन् 2000 मै इसका यूज करना शुरू किया।
बाद में PayPal ने भी अपने उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा हेतु सन् 2001 से इसका यूज शुरू किया। Captcha code को व्यावसायिक रूप स्थापित करने का श्रेय PayPal को ही जाता है।
जब CAPTCHA का आविष्कार हुआ, तब इसमें कई सारी कमिया थी। लेकिन समय के साथ साथ इन्हे दूर किया गया। इसे और एडवांस बनाया गया।
शुरुआत में captcha code मे अलग अलग लेटर्स दिखाए जाते थे। अलग अलग डिजिट (संख्या) दिखाए जाते है। पर इन्हे तेढ़ा मेढ़ा करके, पजल की तरह दिखाया जाता था। इस captcha code इस तरह बनाया जाता था जो केवल humans के समझने में आए और उसे सॉल्व कर सके।
CAPTCHA code को बाद में काफी एडवांस बनाया गया। इसे और एडवांस और सेक्युर बनाने के लिए कंप्यूटर एक्सपर्टो ने इसमें कई सारे सुधार किए। उनमें से एक सुधार यह था कि, दुनियाभर के किताबों को स्कैन कर, देखा गया की कंप्यूटर कौनसे वर्ड नहीं पढ़ पा रहा है। जिन वर्ड्स को कंप्यूटर नहीं पढ़ पाता था। उनका इस्तेमाल captcha code बनाने के लिए किया गया।
इस तरह के captcha code बनाने वाली एक नई कम्पनी मार्केट में आयी। जिसका नाम है reCAPTCHA। यह कम्पनी इस प्रकार के एडवांस reCAPTCHA बनाती थी।
लेकिन दुनिया में कई सारे ऐसे लोग भी मौजूद है। जो कोडिंग बनाने में, स्क्रिप्ट बनाने में, रोबोट बनाने में कंप्यूटर के कीड़े है। इन्होने क्या किया? ऐसे कुछ एडवांस रोबोट बनाए। जो जब भी ऐसे reCAPTCHA उन्हे मिलते थे। वे सीधे उन reCAPTCHA code को अपने मालिक को ईमेल कर देते थे। बाद में बाहर जो मालिक बैठा होता था। जो human है। वह उस reCAPTCHA code को सॉल्व करके वापस अपने रोबोट को भेज देता था। फिर रोबोट उन कोड को फिलअप करके अपनी आगे की कारवाई किया करते थे। इन रोबोट्स को जब जब ऐसे reCAPTCHA code मिलते, वह सीधे उनको अपने मालिक को सेंड कर देते थे।
स्पैम की समस्या से जैसे बाकी साइट्स झुज रही थी। वैसे ही Google भी झुज रहा था। इस समस्या को हल करने के लिए Google ने 2009 मे कोड बनाने वाली reCAPTCHA कम्पनी को ही खरीद लिया। बाद में गूगल ने reCAPTCHA को और सेक्युर और एडवांस बनाने के लिए अपनी ओर से भी प्रयास किए। गूगल ने अपना एक नया reCAPTCHA लॉन्च किया। जिसका नाम है I’m not a robot.

इस नए reCAPTCHA को बनाने के पीछे की वजह गूगल ने काफी दिलचप्स बताई है। गूगल का मानना था कि, लोगों से बार बार टैक्स्ट लिखवाना गलत है। इसलिए गूगल ने इस नए reCAPTCHA कोड को बनाया। जिसमें केवल यूजर को टिक करना होता है।
I’m not a robot. इस reCAPTCHA code मे होता यह है कि, यूजर को केवल टिक करना होता है। अगर टिक करने के बाद राइट का निशान आया। तो गूगल, यूजर को आगे की स्टेप करने की अनुमति देता है। अगर टिक करने के बाद wrong का निशान आ जाए। तो गूगल यूजर को वही रोक देता है।
फिर सवाल यह उठता है कि, Google पहचानता कैसे है? I’m am not a robot पर क्लिक करने वाला यूजर human है या robot।
Google इसकी पहचान करने के लिए यूजर का डेटा कलेक्ट करता है। इस डेटा में यूजर का user ID, यूजर का नाम, यूजर का लोकेशन, यूजर किस सिटी का है, किस country का है, यूजर का डिवाईस कौनसा है (मतलब लैपटॉप, कंप्यूटर, फोन), डिवाईस मॉडल, कम्पनी का नाम, current date, IP address, यूजर का स्पेंडिंग टाइम, कर्सर का मूवमेंट, यूजर ने अपने डिवाईस के स्क्रीन को कितनी बार उपर नीचे किया इसकी जानकारी आदि। इस तरह की कई सारी इंफोर्मेशन यूजर के डिवाईस से कलेक्ट होकर गूगल के सर्वर के पास जाती है। बाद में गूगल का सर्वर इन सारी इंफोर्मेशन की जाच करके यह तय करता है कि, यह जो एक्टिविटी हुई है। वह human की है या फिर robot की। अगर यह सारी एक्टिविटी गूगल के सर्वर को ह्युमन की लगी, तो गूगल का सर्वर राइट क्लिक देता है और यूजर राइट क्लिक आने के बाद अपनी आगे की कवायत गूगल पर कर पाता है। लेकिन अगर गूगल के सर्वर को जरा सी भनक लगी की, यह जो एक्टिविटी हुई है। वह किसी ह्युमन की ना होकर रोबोट की है। तो गूगल का सर्वर यूजर को वही रोक देता है।
अब हम सभी के दिमाग में यह सवाल आता होंगा कि, अगर wrong क्लिक आता है, तो फिर क्या होता है?
अगर निशान इस (❌) तरह का है, तो गूगल का सर्वर यूजर को एक नया टाक्स देता है। जैसे कि, कई सारी इमेज को मिलाकर एक इमेज बना देता है और पूछता है। इस इमेज मे सिग्नल कहा है उसपर क्लिक करे, या फिर इमेज कितनी गाड़ियां है, या फिर रोड पर क्लिक करे आदि। इस प्रकार के टाक्स गूगल का सर्वर यूजर को देता है। अगर हम इन्हे सॉल्व कर पाते है, तो गूगल का सर्वर यूजर को आगे बढ़ने की अनुमति देता है। नही तो वह हमें तब तक वही रोक कर रखता है।
CAPTCHA code मे बने अबतक का सबसे एडवांस CAPTCHA I’m not a robot है। CAPTCHA प्रकार मे सबका God father है यह I’m not a robot.
लेकिन दोस्तों गूगल के इस CAPTCHA कोड वाले फिचर पर कई सारे बुद्धिजीवीयों ने एक सवाल खड़ा किया था। इन बुद्धिजीवीयों का कहना था कि, इस CAPTCHA कोड के कारण जिन लोगों को दृष्टि नहीं है। उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनको इंटरनेट के इस्तेमाल से रोका जा रहा है। क्युकी दृष्टिहीन व्यक्ती reCAPTCHA CODE को सॉल्व ही नही कर सकता। लेकिन गूगल ने दृष्टिहीन लोगों के लिए भी एक नया reCAPTCHA फिचर लॉन्च किया। जो लोग दृष्टिहीन है। जिन्हे दिखाई नही देता है। उनके लिए गूगल ने ऑडियो reCAPTCHA का ऑपशन उपलब्ध करवाया।
इंटरनेट की दुनिया में कई सारे captcha code मौजूद है। जैसे गूगल का reCAPTCHA है। वैसे ही facebook का भी खुद का captcha है। भारतीय रेल IRCTC का भी खुद का captcha है।
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ओवरआॅल हम बात करे तो, यह सारी कवायत केवल वेबसाइट को और इंटरनेट के यूज को सुरक्षित बनाने के लिए की गई है।
यह थी CAPTCHA और reCAPTCHA कोड को भरवाने के पीछे की असल वजह।
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Very Beautifully Written
Thanks you