IIT से पासआउट स्टूडेंट्स भी हैं बेरोजगार, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

IIT: जैसा कि आप जानतें है कि, आईआईटी से जो भी युवा पास आउट होता है उसकी नौकरी पक्की मानी जाती है और उसका करियर भी सेट माना जाता था। क्यूंकि आज तक का आईआईटी की यह सफलता रही है कि, जो भी इस संस्थान से निकलता है उसके पास में अच्छे सैलरी की जॉब होती ही होती है। आपको बता दें कि, हमारे देश मे एक समय ऐसा था। जब किसी को आईआईटी में एडमिशन मिल जाती थीं तो, उसके “pass out” हो कर निकलने से पहले उसके हाथ में जॉब होती थीं।

लेकिन आज एक मन को विचलित करने वाली न्यूज सामने आई है। न्यूज निकल कर यह सामने आई है कि, IIT से पासआउट छात्र भी अब बेरोजगार दिखाई दे रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ऐसे आंकड़े आरटीआई आवेदन के मार्फत सामने आए हैं। जो काफी चौंकाने वाले आंकड़े हैं। यह न्यूज tv9 भारतवर्ष पर हमें मिली है।

tv9 भारतवर्ष के मुताबिक, आईआईटी कानपुर के पूर्व पास आउट छात्र धीरज सिंह ने अपनी तरफ़ से RTI application दाखिल की गई थी। जिसके तहत वे जानना चाहते हैं कि, उनके जैसे और कितने युवा है। जो IIT से pass-out होने के बाद भी बेरोजगार है। आपको बता दें कि, RTI के हवाले से यह बात पता चली है कि 2024 में सभी 23 IIT संस्थानों के लगभग 38 प्रतिशत आईआईटीयन को अभी तक नौकरी नहीं मिली है और वे बेरोजगार है। यह आंकड़ा हमें सोचने पर मजबूर करता है। क्युकी एक दौर था जब कैंपस प्लेसमेंट शुरू होने से पहले ही नौकरी देने वाली कंपनियों की लाइन लग जाती थी और आज हालात ऐसे है कि, नोकरी करने के लिए लाइन लगानी पड़ रही है।

आपको बता दें कि, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी-बॉम्बे और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने अपने स्टूडेंट्स की नियुक्ती के लिए उन कंपनियों को मेल भेजे है जो इंजीनियरों की नियुक्ति करने के लिए जानी जाती है।

400 IIT छात्रों को नहीं मिली नौकरी

आपको बता दें कि, अभी जल्द ही आईआईटी दिल्ली में एकेडमिक सेशन 2023-2024 का प्लेसमेंट सत्र समाप्त होने वाला है। लेकिन फिर भी 400 स्टूडेंट्स को अभी तक जॉब के लिए किसी भी कंपनी ने सिलेक्ट नही किया है। यह खुलासा आरटीआई के तहत हुआ है। आपको बता दें कि, अपने स्टूडेंट्स को जॉब दिलाने के लिए आईआईटी अपने प्रतिष्ठित एल्यूमिनी नेटवर्क तक पहुंच रहे हैं। धीरज सिंह के द्वारा दायर RTI के मुताबिक पिछले साल 329 आईआईटी कैंडिडेट्स ऐसे है जिन्हे प्लेसमेंट नहीं मिली थी और 2022 के बैच के 171 कैंडिडेट्स ऐसे है जिन्हे प्लेसमेंट नहीं मिली थीं।

23 आईआईटी का हाल क्या है

जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष भारत के सभी 23 आईआईटी में 7000 से अधिक आईआईटी स्टूडेंट्स को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नियुक्त किया जाना बाकी है। वही दो साल पहले की बात करे तो, दो साल पहले यह संख्या आधी यानी 3400 थी। प्लेसमेंट पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में 1.2 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। वही वहीं दो साल में प्लेसमेंट पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या इजाफा हो कर दोगुनी गई है।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं

एक्सपर्ट की बात माने तो, एक्सपर्ट का कहना है कि, अब AI technology के चलते हर जगह प्लेसमेंट में 20 से 30 प्रतिशत की कमी आई है। उनके अनुसार यदी कोई संस्थान यह दावा पेश करता है कि, उन्होने अपने सभी स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट दे दिया है तो, यह बात बात पक्की है कि, नौकरियों की गुणवत्ता कमी है। एक्सपर्ट के अनुसार ऐसा पहली बार दिख रहा है कि, ChatGpt और बड़े लैंगवेज मॉडल के चलते यह सब दिखने को मिल रहा है।

हालाकि आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को जॉब न मिलने के कोन जिम्मेदार है हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताए।

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