पोर्नोग्राफी (pornography): यह सवाल आज के इंटरनेट के युग में सभी को पता होना चाहिए। क्युकी यह यह अब हमारे जीवन का एक जरुरी पहलू बन चूका है कि, पोर्नोग्राफी क्या है ? What is pornography? या फिर pornography kya hoti hai , दरअसल एक वाक्य में कहे तो पोर्नोग्राफी ऐसा कंटेंट होता है जिसमें सिर्फ अश्लीलता भरी हो, जिस कंटेंट में अश्लीलता, यौन कृत्य और नग्नता भरी होती हैं उसे पोर्नोग्राफी कहा जाता हैं।
आपको बता दें कि, पोर्नोग्राफ़ी की परिभाषा व्यक्तिपरक अलग अलग है, इसलिए पोर्नोग्राफ़ी क्या होती हैं यह बता पाना आसान नहीं है। हालाकि पोर्नोग्राफी मतलब ऐसी सामग्री जो समाज में कामुक और अश्लील मानी जाती हैं उसे पोर्नोग्राफी कहते हैं।
पोर्नोग्राफी में ऐसे फोटो, विडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री आती है, जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित हो। आपको बता दें कि, यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित सामग्री को पोर्नोग्राफी में शामिल किया जाता हैं और ऐसे सामग्री को प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून (Anti-pornography law) लागू होता है।
जो भी लोग दूसरों के नग्न या अश्लील विडियो (Nude or pornographic videos) तैयार करते हैं या एमएमएस बनाते हैं और उन्हे सामने वाले के मर्जी के बिना इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दूसरों तक पहुंचाए जाते हैं, किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील संदेश (Pornographic message) भेजे जाते हैं, वे भी Anti-pornography law के दायरे में आते हैं।
पोर्नोग्राफी का आविष्कार
पोर्नोग्राफी का आविष्कार कब और कहा हुआ इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं है। दुनियां के सभी प्राचीन सभ्यताओं में इसके प्रमाण मिलते हैं। भारत में तो कई ऐसी मूर्तियां मिली है जो कामुकता को दर्शाती हैं। इसके साथ ही ग्रीस में भी ऐसी प्राचीन सामग्री मिली है जो दर्शाती हैं कि, कामुकता वहा पर भी प्राचीन काल से है। इटली, रोम अरब देश पश्चिमी देशों में कई ऐसे प्रमाण मिले हैं जो प्राचीन है और पोर्नोग्राफी में आते हैं। इसके चलते यह कहना कि, पोर्नोग्राफी का आविष्कार कब और कहां हुआ यह बता पाना सम्भव नहीं है।
लेकीन आधूनिक पोर्नोग्राफी की बात करें तो, आधूनिक पोर्नोग्राफी की शुरुआत पाश्चिमात्य देशों में 17वी, 18वीं शताब्दी के दरम्यान मानी जाती हैं। इन्ही देशों से दुनियां की पहली पोर्नोग्राफी निकली थी जो काफी फेमस भी हुई थी।
पोर्नोग्राफी के प्रकार
पोर्नोग्राफी के उसके सामग्री के आधार अलग अलग हिस्सों में बाटा जा सकता है। जिन्हे पोर्नोग्राफी के प्रकार कह सकते है। पोर्नोग्राफी के कुछ समान्य प्रकार इस तरह है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी
यहां चाइल्ड बच्चों से मतलब है – 18 साल से कम उम्र के लोग। जी हां जो बच्चे 18 साल से कम उम्र के है उन्हे बहला फुसलाकर या धामकर कुछ लोग उनके फोटो, विडियो, टेक्स्ट या ऑडियो रिकॉर्ड करते है उन्हे गैर कानूनी तरीके से प्रसारित करते हैं। अर्थात बच्चो के अश्लील और यौन फोटो, विडियो, टेक्स्ट या ऑडियो रिकॉर्ड करना मतलब चाइल्ड पोर्नोग्राफी है।
आपको बता दें कि, चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाना और उन्हे साझा करना ही नहीं बल्कि उन्हे देखना भी जघन्य अपराध के श्रेणी आता है। भारत और विश्व स्तर पर यह गंभीर वाला एक जघन्य अपराध है।
एडल्ट पोर्नोग्राफी
एडल्ट पोर्नोग्राफी या वयस्क पोर्नोग्राफी भी पोर्नोग्राफी का एक प्रकार है। इस पोर्नोग्राफी में 18+ उम्र के लोगों की सामग्री शामिल हैं। आपको बता दें कि, 18+ लोगों के फोटो, विडियो, टेक्स्ट या ऑडियो को एडल्ट पोर्नोग्राफी कहा जाता हैं।
बेस्टियालिट पोर्नोग्राफी
बेस्टियालिट पोर्नोग्राफी (bestiality pornography) एक अंग्रेजी शब्द है। यह एक गैर कानूनी पोर्नोग्राफी है। लेकिन आज वर्तमान में इसका प्रचलन बहुत बड़ चूका है। बेस्टियालिट पोर्नोग्राफी पशु के साथ यौन संबंध को दर्शाता हैं। यह भी पोर्नोग्राफी का एक सामान्य प्रकार हैं।
क्लासिक पोर्नोग्राफी
इसमें पारंपरिक फिल्में और तस्वीरें शामिल होती हैं जो सीधे यौन क्रियाओं को दिखाती हैं।
आर्ट पोर्नोग्राफी
यह एक कलात्मक दृष्टिकोण से बनाई गई होती है, जिसमें नग्नता और यौन अभिव्यक्ति को कला के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
हार्डकोर और सॉफ्टकोर
हार्डकोर पोर्नोग्राफी में स्पष्ट और ग्राफिक यौन गतिविधियों को दिखाया जाता है, जबकि सॉफ्टकोर पोर्नोग्राफी में ये गतिविधियाँ कम ग्राफिक और अक्सर सूक्ष्म होती हैं।
एनीमेशन और कार्टून पोर्नोग्राफी
इसमें एनिमेटेड या कार्टून कैरेक्टर्स द्वारा यौन गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाता है, जिसे अक्सर हेंटाई के नाम से भी जाना जाता है।
क्या पोर्नोग्राफी देखना अपराध है
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरुर आता है कि, पोर्नोग्राफी देखना अपराध है या नहीं। आपको बता दें कि, पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए से दूसरों तक पहुंचाना अपराध के श्रेणी में आता है, लेकिन उसे देखना, पढऩा या सुनना अवैध या अपराध नहीं है, लेकीन इसमें एक अपवाद भी है। जो यह है कि, चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाना उनको प्रकाशित करना, भेजना अवैध तो है ही, इसके अलावा उन्हे देखना भी अवैध है और यह एक गंभीर श्रेणी के अपराध में भी आता है। (Child pornography is also illegal to watch)।
भारत में पोर्नोग्राफी पर कानून
भारत में पोर्नोग्राफी के रोकथाम के लिए कई कानून बने हैं, जैसे
- पोर्नोग्राफी पर कानून (Law on pornography) – आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए) – आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 सजा: जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर पांच साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा सात साल हो जाती है।
- चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कानून (Law on Child Pornography) – आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 67 (बी), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 500, 506 और 509 सजा- पहले अपराध पर पांच साल की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना।
पोर्नोग्राफी एक जटिल और व्यापक विषय है जो न केवल यौनता और मनोरंजन से जुड़ा है, बल्कि समाज, कानून और इतिहास के विभिन्न पहलुओं से भी जुड़ा है। इसे समझने और इसकी प्रभावों को जानने के लिए हमें इसके सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए।