रावण के कितने पुत्र थे: 100 या 6? सच्चाई जानिए!

रामायण, महाकाव्य जिसने सदियों से भारत की संस्कृति और कल्पना को आकार दिया है, में रावण, लंका का क्रूर और शक्तिशाली राजा, एक प्रमुख पात्र है। उसके पराक्रम और अत्याचारों की कहानियां हर घर में सुनी जाती हैं।

लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि रावण के कितने पुत्र थे? कई कहानियां और किंवदंतियां इस रहस्य को घेर लेती हैं, कुछ 100 पुत्रों का दावा करती हैं, जबकि अन्य केवल 6 को मान्यता देती हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस पहेली को सुलझाने का प्रयास करेंगे, तथ्यों और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण करेंगे। हम रावण के पुत्रों, उनके नामों, उनकी वीरता और दुखद अंत के बारे में जानेंगे।

तो, क्या रावण के 100 पुत्र थे या 6? आइए, इस रोमांचक यात्रा पर निकलते हैं और रामायण के इस रहस्य का खुलासा करते हैं!

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रावण के कितने पुत्र थे

रावण के कितने पुत्र थे? (ravan ke kitne putra the)

एक लोकप्रीय पंक्ति के अनुसार रावण के 100000 पुत्र थे। लेकिन यह पंक्ति कितनी सही है यह जानने के लिए हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि, वह पंक्ति क्या है। और इस पंक्ति के अनुसार सच में रावन के 100000 पुत्र थे आइए जानते हैं।

“एक लाख पूत सवाएक लाख सवा लख नाती ता रावण घर दीया ना बाती”

अर्थात रावण के 100000 पुत्र थे और सवा लाख नाती थी इन सब में सबसे श्रेष्ठ और बलवान इंद्रजीत (मेघनाथ) था|

रावण के पुत्रों को लेकर यह एक ऐसी कहावत है, जो भारत के सभी लोक संस्कृतियों में कहीं या फिर गाई जाती है। यह लोककथाओं का हिस्सा भी मानी जाती है। यह पंक्ति रावण के विशाल परिवार और उसके अहंकार का वर्णन करती है।

इस पंक्ति को हमारे भारत में अक्सर रावण की कहानी सुनाते समय या उसके अहंकार और क्रूरता पर टिप्पणी करते समय उपयोग किया जाता है। इसका अर्थ है कि रावण के पास इतने सारे पुत्र और पोते थे कि उनके घर में दीप जलाने के लिए भी पर्याप्त लोग थे। लेकिन फिर भी अपने अहंकार के कारण सब नष्ट हुआ।

यह पंक्ति रामायण के विभिन्न संस्करणों में भी पाई जाती है, ऐसा माना जाता है। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि, यह पंक्ति किसी एक विशेष संस्करण या लेखक से जुड़ी नहीं है। यह लोकप्रिय संस्कृति में इतनी प्रचलित हो गई है कि अब इसके स्रोत को बताना अज्ञात है।

पंक्ति का कोइ ठोस आधार न होने के कारण यह कहना उचित नहीं है कि, रावन के इतने सारे पुत्र और पोते थे। यह अतिशयोक्ति है, रावण के पास वास्तव में इतने सारे पुत्र और पोते नहीं थे। यह पंक्ति केवल उसकी शक्ति और प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक काव्यात्मक तरीका लगता है।

अर्थात इस काव्यात्मक पंक्ति के अनुसार रावण के 100000 पुत्र थे और सवा लाख नाती थी।

रावण के कितने पुत्र थे? (ravan ke kitne putra the)
रावण के कितने पुत्र थे: फोटो कोरा

रामायण के अनुसार रावण के कितने पुत्र थे

ऐसा कहा जाता है कि, वैसे तो रावण की कई पत्नियां थी किन्तु रामायण में रावण की केवल दो प्रमुख पत्नियों और छः पुत्रों का वर्णन मिलता है तो, रामायण में वर्णित जानकारी के आधार पर रावण के छह पुत्र थे। जिनका वर्णन हमें मिलता है।

मंदोदरी: ये मयासुर और हेमा की बड़ी पुत्री थी और यह रावण की पटरानी भी थीं। मंदोदरी के दो भाई थे जिनका नाम मायावी और दुदुम्भी था और जिनका वध वानर राज बाली ने किया था। इनसे रावण को दो पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनका नाम मेघनाद और अक्षय है।

  • मेघनाद: रावण का सबसे बड़ा पुत्र और महान योद्धा तथा पुराणों में वर्णित एकमात्र अतिमहारथी। उन्हें इंद्रजित और करण नामों से भी जाना जाता था। मेघनाथ रावण और मंदोदरी के पुत्र थे। रावण का पुत्र मेघनाद एकमात्र ऐसा योद्धा था जिसके पास तीनों महास्त्रों – ब्रह्मास्त्र, नारायणास्त्र एवं पाशुपतास्त्र थे। महादेव के प्रिय, इंद्र को भी जीतने वाले तथा श्रीराम और लक्ष्मण को भी नागपाश में जिसने बांध दिया था, वह मेघनाद रावन का पुत्र था। जिसका लक्ष्मण के हाथों वध हुआ।
  • अक्षयकुमार: अक्षयकुमार रावण का सबसे छोटा पुत्र था। रावण और मंदोदरी के पुत्र थे। जो कई दिव्यास्त्रों का ज्ञाता था। उसकी वीरता देवों के समान थी। कहा जाता है कि, वह अपने पिता रावण की आज्ञा से आठ घोड़ों वाले, कनकमय रथ पर सवार होकर हनुमानजी से लड़ने गया था। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में इस प्रसंग का बहुत ही अद्वितीय तरीके से वर्णित किया है। कहा जाता है कि, यह इतना वीर था कि, इसकी वीरता को देखकर खुद हनुमान जी प्रसन्न हुए थे। उन्हे दुख हो रहा था कि, कि, इतने वीर पूत्र को उन्हे मारना पड़ रहा है।

धन्यमालिनी: मयासुर और हेमा की दूसरी पुत्री और मंदोदरी की छोटी बहन है। रामायण के अनुसार यह रावण की दूसरी पत्नी थीं और इनसे रावण को 4 प्रतापी पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनका नाम अतिकाय, नरान्तक, देवान्तक और त्रिशिरा हैं।

  • अतिकाय: रावण के छह पुत्रों में अतिकाय रावण का दूसरा पुत्र था, यह भी एक महान योद्धा था । यह इतना महान योद्धा था कि, एक बार कैलाश पर उत्पात मचाने के कारण भगवान शंकर ने इसपर अपना त्रिशूल फेंका। तब अतिकाय ने उस त्रिशूल को बीच मे पकड़ लिया और नम्रता पूर्वक महादेव को प्रणाम किया। तब भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उसे कई दिव्यास्त्र दिए थे। ब्रह्मदेव के वरदान के अनुसार इसका वध केवल ब्रह्मास्त्र द्वारा ही संभव था और इसका वध लक्ष्मण के हाथों वध हुआ।
  • नरान्तक: रावण का चौथा पुत्र, रामायण के अनुसार इसके अधीन रावण के 72 करोड़ राक्षसों की सेना थी। लंका युद्ध मे ये अतिकाय देवान्तक के साथ युद्ध लड़ने को आया और हनुमान के हाथों वीरगति को प्राप्त हुआ।
  • देवान्तक: रावन का पांचवा पुत्र और महान योद्धा तथा रावण की सेना का एक प्रमुख सेनापति था। रामायण के अनुसार देवान्तक ने कई देवताओं को परास्त किया था। देवान्तक का पुत्र महाकंटक ही युद्ध के बाद राक्षस कुल का एकमात्र जीवित योद्धा था जिसे श्रीराम ने क्षमादान दिया। हालांकि वो लंका में नही रुका और कान्यकुब्ज में जाकर ब्राह्मण बन गया। उसी से कान्यकुब्ज ब्राह्मण की शाखा चली जो पुलत्स्य गोत्र के अंतर्गत आती है। आज के कान्यकुब्ज ब्राह्मण उसी के वंशज हैं। देवान्तक का वध अंगद ने किया।
  • त्रिशिरा: रामायण में वर्णित रावण के छह पुत्रों में से एक त्रिशिरा तीन सर वाला श्रेष्ठ योद्धा था। लंका युद्ध मे इसने अपने बाणों से हनुमान को बींध डाला। तब क्रोधित होकर हनुमान ने युद्ध मे इसका वध कर दिया था।

आपकों बता दें कि, कुछ लोग प्रहस्त को भी रावण का पुत्र बताते हैं जिसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। कोरा पर मिले जानकारी के मुताबिक, प्रहस्त सुमाली का पुत्र और रावण का मामा था। उसका पुत्र जम्बुवाली रावण का छोटा भाई था। प्रहस्त राक्षस सेना का प्रधान सेनापति था। लंका युद्ध नील ने उसका वध किया।

अंत में,

इस ब्लॉग पोस्ट में, हमने रावण के पुत्रों, उनकी वीरता, उनके दुखद अंत और रामायण में उनके बारे में दिए गए महत्व के बारे में जाना। हमने यह भी देखा कि विभिन्न स्रोतों में रावण के पुत्रों की संख्या में भिन्न है।

तो, रावण के कितने पुत्र थे? (ravan ke kitne putra the)

वास्तविकता यह है कि इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है। रामायण के विभिन्न संस्करणों में पुत्रों की संख्या 6 से लेकर 100 तक भिन्न बताई गई है।

कुछ संस्करणों में 6 पुत्रों का उल्लेख है:

  • मेघनाथ (इंद्रजित, करण)
  • अक्षय (अजन्म, अमर)
  • विभीषण
  • त्रिशिरा
  • नरांतक
  • अतिकाय

वही अन्य संस्करणों में 100 या अधिक पुत्रों का उल्लेख है। यह संभव है कि यह संख्या एक अतिशयोक्ति हो या इसमें रावण के सभी वंशज शामिल हों, न कि केवल उसके प्रत्यक्ष पुत्र। इसलिए यह सटिक नही कहा जा सकता हैं कि, रावण के कितने पुत्र थे? (ravan ke kitne putra the)

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