एग्ज़िट पोल (exit poll) यह एक ऐसा शब्द है जो हर तरह के चुनावों में सबसे ज्यादा यूज किया जाता है। चुनाव चाहे फिर अपने देश का हो या फिर दुनियां के किसी भी देश का हो। एग्ज़िट पोल (exit poll) यह शब्द बहुत कुछ बया कर देता है।
आप भी कई बार चुनावों के दौरान, अक्सर “एग्ज़िट पोल” शब्द सुना तो होगा। मीडिया में इसका खूब ज़िक्र होता है और लोग भी बड़े उत्सुकता के साथ इस पोल को देखते भी है। आपकों बता दें कि, एग्ज़िट पोल चुनाव परिणामों का अनुमान लगाने का दावा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एग्ज़िट पोल असल में क्या होते हैं और कैसे किए जाते हैं?
एग्ज़िट पोल क्या होता है (what is an exit poll)
एग्ज़िट का मतलब होता है बाहर निकलना। इसलिए एग्ज़िट शब्द हमें यह बताता है कि यह पोल क्या है।
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि, आप अपना मतदान करके पोलिंग बूथ से बाहर निकले और आपकों कोई एजेंट मिला जो आपसे पूछ रहा है कि आपने किसे या किस पार्टी को वोट डाला है यदि आपके साथ ऐसा कुछ नही हुआ है तो कोई बात नहीं लेकिन आपको बता दें कि,
एग्ज़िट पोल कराने वाली एजेंसियां अपने लोगों को पोलिंग बूथ के बाहर खड़ा कर देती हैं। जिनका काम जो लोग मतदान करके पोलिंग बूथ से बाहर निकले है उनसे यह पूछना होता है कि, उन्होने किसे वोट दीया है।
आपकों बता दें कि, जब पोलिंग बूथों से मतदाता अपना वोट देकर बूथ से बाहर निकलते है तो कुछ एग्ज़िट पोल कराने वाली एजेंसी के लोगो द्वारा उनसे से पूछा जाता है कि क्या आप हमें बताना चाहेंगे कि आपने किस पार्टी या किस उम्मीदवार को वोट दिया है?
इस सवाल के अलावा और भी कई सवाल पोलिंग एजेंट मतदाताओं से पूछते हैं जैसे कि, आपकी पसंदीता पार्टी कौनसी है। आप पीएम या फिर सीएम के रूप में किसे देखना चाहते हैं आदी।
इस तरह के सवाल पोलिंग एजेंट हर दसवें मतदाता से पूछता है और उनके जवाब को नोट करके रखता है। यदि पोलिंग बूथ बडा है तो फिर हर बिसवे मतदाता से इस तरह के सवाल पूछे जाते है।
आसान भाषा में कहें तो, एग्ज़िट पोल मतदान के बाद मतदाताओं से किए गए सर्वेक्षण हैं, जिनसे यह जानने की कोशिश की जाती है कि उन्होंने किसे वोट दिया है। इन सर्वेक्षणों के आंकड़ों का विश्लेषण करके, संस्थाएं चुनाव परिणामों का अनुमान लगाने का प्रयास करती हैं। जिसे एग्ज़िट पोल (exit poll) कहते हैं।
एग्ज़िट पोल कैसे किए जाते हैं? (How are exit polls conducted?)
जैसा हमने ऊपर बताया कि, ठीक वैसा ही कुछ एग्ज़िट पोल किया जाता है। एग्ज़िट पोल करने वाली एजेंसियां प्रमुख मतदान केंद्रों के बाहर अपने लोगों को तैनात करती है। ये लोग काफी एक्सपर्ट होते है उन्हे पता होता है कि, कौन उन्हे बता सकता हैं कि, उन्होने किसे वोट दिया है। क्युकी लोग इतने आसानी से नहीं बताते हैं कि, उन्होने किसे वोट दिया है।
अलग अलग लोगों को अलग अलग सवाल करके एक विश्लेषणात्मक डाटा तयार किया जाता है। चुनाव से जुडे सवाल को हर 10 वे व्यक्ती को पुछा जाता है। यदी पोलिंग बूथ बड़े लेवल का है तो फिर 20 वे व्यक्ती से सवाल किया जाता है। यह सिलसिला मतदान खत्म होने तक शुरु रहता है। श्याम मतदान करने का समय खत्म होने के बाद ये लोग उनके द्वारा किए सर्वेक्षण के डेटा को उनके ऑफिस में जमा कर देते है। सभी जगह का डेटा उनके पास पहुंचने के बाद एग्ज़िट पोल करने वाली एजेंसियां इस सारे डेटा का बारीकी से अध्ययन करती है और अपना एक पोल निकालती है। जिसे वह मिडिया संस्थानों को देती है। इस चुनाव में कोण जितने वाला है, कोण सी पार्टी जितने वाली है, किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है आदि।
क्या एग्ज़िट पोल कितने सटीक होते हैं? (How accurate are exit polls?)
आपको बता दें कि, एग्ज़िट पोल एक प्रकार से मौसम विभाग के अनुमान जैसे होते हैं। कई बार ये बहुत सटीक होते है तो कई बार ये चुनावी परीणाम के आसपास के होते हैं तो कई बार ये बिलकुल गलत साबित हो जाते है।
आसान भाषा में कहें तो, एग्ज़िट पोल आमतौर पर मौसम विभाग के अनुमान जैसे होते हैं। ये सटिक तो होते है, लेकिन वे 100% सही नहीं होते हैं। उनकी सटीकता कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि:
- नमूने का आकार और गुणवत्ता
- पोलिंग बूथ का चुनाव
- प्रश्नों की रचना
- मतदाताओं की ईमानदारी
एग्ज़िट पोल से जुड़े नियम-क़ानून क्या हैं? (What are the rules and regulations related to exit polls?)
एग्ज़िट पोल को नियंत्रित करने के लिए दुनियां भर में कानून बनाए गए हैं। भारत में एग्ज़िट पोल को रिप्रेज़ेन्टेशन ऑफ़ द पीपल्स एक्ट, 1951 के सेक्शन 126ए के तहत नियंत्रित किया जाता है।
एग्ज़िट पोल को नियंत्रित करने का मकसद चुनाव को प्रभावित होने से बचाना है। भारतीय चुनाव आयोग समय समय पर नियम बनाकर एग्ज़िट पोल को नियंत्रित करती है।
मौजूदा आम नियम जो है वह कुछ इस प्रकार के है
- एग्ज़िट पोल के नतीजों को मतदान के दिन प्रसारित नहीं किया जा सकता है।
- चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से लेकर आख़िरी चरण के मतदान ख़त्म होने के आधे घंटे बाद तक एग्ज़िट पोल को किसी भी प्रकार से प्रसारित नहीं किया जा सकता है।
- एग्ज़िट पोल को मतदान के बाद प्रसारित करने के लिए, सर्वेक्षण एजेंसी को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।
- एग्ज़िट पोल करने का क्या तरीक़ा होना चाहिए इसको लेकर चुनाव आयोग से जानकारी लेनी होगी।
भारत में कौन-कौन सी प्रमुख एजेंसियां हैं जो एग्ज़िट पोल करती हैं?
भारत कई एजेंसियां हैं जो एग्ज़िट पोल करती हैं। लेकिन इन सबमें केवल तीन प्रमुख एजेंसीज है। जिनका जिक्र हर चुनाव में होता है वे है सी-वोटर, एक्सिस माई इंडिया, सीएनएक्स। आपकोु बता दें कि, चुनाव के समय में कई नई-नई कंपनियां भी आती हैं जो चुनाव के ख़त्म होते ही ग़ायब हो जाती हैं।
एग्ज़िट पोल चुनाव परिणामों का अनुमान लगाने का एक उपयोगी तरीका हो सकते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वे पूरी तरह से सटीक नहीं होते हैं।
मुझे उम्मीद है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपको एग्ज़िट पोल को समझने में मददगार लगा होगा।
स्रोत:
बीबीसी हिंदी (31 मई 2024, 06:48 IST)